PATNA: बिहार विधान परिषद की 11 सीटों पर हो रहे चुनाव में आज महागठबंधन के 5 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया गया. 19 विधायकों वाले कांग्रेस को कोई सीट नहीं दी गयी है. राजद ने अपने चार उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. पांचवा उम्मीदवार भाकपा माले का है. विधायकों की संख्या को देखते हुए इन सभी का विधान पार्षद चुना जाना तय है.
राजद के 4 उम्मीदवारों में से 2 मुसलमान
राजद ने विधान परिषद के लिए अपने चार उम्मीदवारों के नाम का एलान किया. इनमें राबड़ी देवी, अब्दुल बारी सिद्दीकी, उर्मिला ठाकुर और सैयद फैसल अली का नाम शामिल है. जगदानंद सिंह से लेकर रितु जायसवाल को विधान परिषद भेजे जाने की अटकलें निराधार साबित हुई. राबड़ी देवी का विधान परिषद जाना तय था. अब्दुल बारी सिद्दीकी पिछले तीन साल से विधान परिषद या राज्यसभा में सेटलमेंट का इंतजार कर रहे थे. उनका भी इस दफे विधान परिषद जाना तय था.
राजद ने अति पिछड़ा के नाम पर उर्मिला ठाकुर को विधान परिषद भेजने का फैसला लिया है. वहीं, चौथे उम्मीदवार सैयद फैसल अली का मामला दिलचस्प है. राजद के एक सीनियर नेता ने बताया कि फैसल अली राज्यसभा जाने के दावेदार थे. उन्होंने इसके लिए मैनेजमेंट भी किया था. लेकिन सारी शर्तों को पूरा करने के बाद भी उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा गया था. अब उन्हें एमएलसी बनाया जा रहा है.
कांग्रेस साफ, माले को मौका
विधान परिषद का ये चुनाव विधायकों के वोट से होने वाला है. विधानसभा में तकनीकी तौर पर कांग्रेस के 19 विधायक हैं. एक विधान पार्षद चुने जाने के लिए 21 विधायकों की जरूरत है. इसमें से 19 विधायक रहने के बावजूद कांग्रेस को विधान परिषद में मौका नहीं मिला. दरअसल राज्यसभा में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह को मौका दिये जाने के कारण कांग्रेस को विधान परिषद की सीट गंवानी पड़ी. 12 विधायकों वाले माले को मौका मिला है. पहली दफे माले का कोई विधान पार्षद चुना जायेगा. माले ने शशि यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है.