PATNA : उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई तबाही के बाद अब तक 26 लोगों की मौत हो गई है, वहीं 171 लोगों की तलाश अभी भी जारी है. पूरा फोकस राहत-बचाव के काम पर है. तपोवन टनल में अभी भी 37 लोगों के फंसे होने की आशंका है. सुरंग कीचड़ से भरी हुई है, ऐसे में अंदर जाने में काफी मुश्किलें हैं. लेकिन रेस्क्यू टीम जुटी हुई है.
इस जलप्रलय में बिहार के भी चार लोग लापता हैं. इनमें से तीन वहां चल रहे प्रोजेक्ट में काम करते थे. वहीं समस्तीपुर का एक युवक भी चमोली के पास ही मजदूरी करता था. ग्लेशियर टूटने के कई घंटे बीतने के बाद भी इनका कुछ पता नहीं चल पाया है. परिजनों से इनका संपर्क नहीं हो पा रहा है. यह संख्या बढ़ भी सकती है.
पटना के रानीतालाब थाने के निसरपुरा निवासी इंजीनियर मनीष कुमार लापता हैं. दिसंबर 2020 पहले ही उनकी शादी हुई थी. वे वहां ओम मेटल इंफ्राटेक पावर प्रोजेक्ट में इंजीनियर हैं. वहीं इसी प्रोजेक्ट में काम करने वाले गोपालगंज के सोहागपुर निवासी नेमधारी प्रसाद भी लापता हैं. छपरा के दाउदपुर थाने के वरवां गांव के विनोद सिंह उर्फ मुन्ना सिंह भी लापता हैं. वे तपोवन स्थित एनटीपीसी में एक पेटी कांट्रैक्टर के अधीन सुपरवाइजर का काम करते हैं.
समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर थाने के वासुदेवपुर गांव का नरेश दास उत्तराखंड के चमोली में हुए जलप्रलय के बाद से लापता है. उसकी कोई जानकारी नहीं मिलने से घर के लोग परेशान हैं. नरेश करीब दस साल पहले घर से भाग कर उत्तराखंड चला गया था, वह वहां चमौली के पास मजदूरी करता था. घर नहीं आता था लेकिन बीच-बीच में मोबाइल पर कॉल कर बात करता रहता था.