PATNA: विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी के बाद अब जदयू से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा को भी केंद्र सरकार ने Y + श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करायी है। राष्ट्रीय लोक जनता पार्टी के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा को केंद्र सरकार के तरफ से दी गई विशेष सुरक्षा को लेकर जेडीयू हमलावर है।
उपेंद्र कुशवाहा को सुरक्षा दिए जाने के मामले पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। 2015 के विधानसभा चुनाव को याद कीजिए कितना सीट उपेन्द्र कुशवाहा लड़े थे और कितना जीते थे? यह सबको पता है। जिनकों वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गयी है वो शून्य पर आउट हुए थे। इसलिए इनके संबंध में ज्यादा कुछ कहना सही नहीं होगा। यह सब चलता रहता है।
उपेंद्र कुशवाहा के बारे में ललन सिंह आगे कहते हैं कि वाई प्लस की सुरक्षा मिला उपेंद्र कुशवाहा के लिए महज स्टेटस सिंबल है। उपेंद्र कुशवाहा पहले भी एनडीए के साथ ही चुनाव लड़े थे कितने सीट जीते यह सबको मालूम है। 2020 का चुनाव भी वह अकेले लड़े थे तब क्या किये थे यह भी सबको मालूम है। उपेंद्र कुशवाहा को बीजेपी के साथ जाना है। बीजेपी के लोग इस तरह के लोगों को सुरक्षा नहीं देगी तो फिर वह उनके पास कैसे जाएंगे?
दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा की सुरक्षा की समीक्षा की गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने अहम फैसला लेते हुए उपेंद्र कुशवाहा की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने का फैसला किया। उपेंद्र कुशवाहा को अब वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। इस संबंध में गृह मंत्रालय ने अपने स्तर पर आदेश जारी कर दिया है। Y स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में देश के वो वीआईपी लोग आते हैं जिनको इसके तहत 11 सुरक्षाकर्मी मिले होते हैं। इनमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ भी शामिल होते है। Y प्लस सुरक्षा में सशस्त्र पुलिस के 11 कमांडो तैनात किए जाते हैं। 11 में से पांच स्टेटिक पुलिस कर्मी सुरक्षा के लिए वीआईपी के घर और उसके आसपास रहेंगे।
वही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लंदन में कहा था कि भारत के लोकतंत्र पर खतरा है। राहुल गांधी के इस बयान पर ललन सिंह ने कहा कि देश के बाहर इस तरह का बयान किसी को नहीं देना चाहिए। इस तरह के बयान से सभी को बचना चाहिए। देश बहुत बड़ा है यहां अपनी बात रख सकते हैं। राहुल गांधी का बचाव करते हुए ललन सिंह ने कहा कि देश में वास्तव में लोकतंत्र कहां बचा है। जिस तरह सीबीआई, इनकम टैक्स और ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है केंद्रीय संस्थाओं में अपने मनोनुकूल लोगों को पदस्थापित करने का षड्यंत्र चल रहा है तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा ही है।