DESK : उत्तर प्रदेश के 19 जिलों से होकर गुजरने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर सहयोगी दल नजर आएंगे या नहीं अभी भी इस बात पर संशय बरकार है। इसको लेकर लगातार यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा के नेताओं से सवाल किया जा रहा है कि- क्या वो राहुल की यात्रा में शामिल होंगे। ऐसे में जिन नेताओं से सवाल किए जा रहे थे उनमें से कुछ मिलीजुली प्रतिक्रिया दे रहे थे तो कुछ कन्नी कटा रहे थे। ऐसे में अब समाजवादी पार्टी के सुप्रीमों का भी इस मामले पर खुलकर प्रतिक्रिया सामने आई है.उन्होंने साफ़ - साफ़ बता दिया है की उनकी पार्टी राहुल की भारत जोड़ों न्याय यात्रा में हिस्सा लेगी या नहीं।
सपा प्रमुख ने राहुल गांधी नीत कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में शामिल होने को लेकर कहा कि - उन्हें अभी तक उनको न्योता नहीं मिला है, कई बार ऐसा हुआ है जब कार्यक्रम खत्म होने पर उनको बुलाया गया है। अखिलेश ने कहा कि- मुश्किल तो ये है कि कई बड़े आयोजन होते हैं लेकिन हम लोगों को निमंत्रण ही नहीं मिलता है। हम लोग अपने आप निमंत्रण क्या मांगे?
दरअसल, राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा प्रदेश के जिन 19 जिलों से होकर गुजरेगी उनमें चंदौली, वाराणसी, भदोही, प्रयागराज, प्रतापगढ़, अमेठी, रायबरेली, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस व आगरा शामिल है। यात्रा चंदौली से यूपी में प्रवेश करेगी और आगरा से होकर राजस्थान की सीमा में प्रवेश करेगी। ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो रही इस यात्रा से यूपी में कांग्रेस की ताकत भी तय होगी। यात्रा को अपेक्षित जन समर्थन मिलने पर कांग्रेस को गठबंधन में ज्यादा सीटें मिलने की संभावना भी बढ़ जाएगी।
बहरहाल, फरवरी का महीना यूपी कांग्रेस की सियासी सेहत के लिए खासा अहम हो गया है। पार्टी की कोशिश है कि यात्रा को सफलता का वह मुकाम मिल सके, जिससे वह लोकसभा चुनाव में अपने पैरों पर खड़े होने की स्थिति में आ जाए। अभी तक यूपी में उसके प्रमुख सहयोगी दल सपा की तरफ से उसके लिए महज 11 लोकसभा सीटें छोड़ने का एलान किया गया है, जिसे पार्टी अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं मान रही है। उसे उम्मीद है कि राहुल की यात्रा से दबाव बढ़ेगा तो सपा का मन बदलेगा।