DESK : कोरोना ने इंसानियत को भी शर्मसार कर दिया है. लोग अपनों को अंतिम समय में कंधा देना तो दूर उसका चेहरा देखना भी मंजूर नहीं कर रहे हैं. लोगों में इतना खौफ है कि समाज में ऐसी विषम परिस्थिति में भी कोई किसी का साथ नहीं दे रहा है. ताजा मामला यूपी के जौनपुर का है, जहां एक बुजुर्ग व्यक्ति साइकिल पर पत्नी की लाश लेकर घूमता रह गया लेकिन गांव में किसी ने उसके शव का अंतिम संस्कार नहीं होने दिया.
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुई यह घटना समाज को शर्मसार होने पर मजबूर कर दी है. इस घटना की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जो सोशल मीडिया में बड़ी तेजी से वायरल हो रही हैं. बताया जा रहा है कि जौनपुर में मडियाहूं के कोतवाली थाना इलाके के रहने वाले तिलकधारी सिंह की पत्नी राजकुमारी काफी दिनों से बीमार चल रही थी. उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन अस्पताल में इलाज के क्रम में ही उनकी मौत हो गई. अस्पताल से एम्बुलेंस में शव को घर भेज दिया गया.
मौत होने की जानकारी होने पर गांव में कोई शव को कंधा देने वाला नहीं मिला और कोरोना संक्रमण के भय की वजह से बुजुर्ग तिलकधारी गांव वालों की बेरुखी और दुत्कार से आजिज आकर शव को किसी तरह साइकिल पर रखकर अंतिम संस्कार के लिए निकल पड़ा. इसके कारण पति, पत्नी के मृत शरीर को साइकिल पर लादकर अकेला गांव के नदी के किनारे दाह संस्कार करने के लिए चल पड़ा. अभी नदी के किनारे चिता भी नहीं लगी थी कि गांव के लोगों ने शव जलाने से रोक दिया. आरोप है कि गांववालों ने कोरोना के भय से शव का अंतिम संस्कार भी नहीं होने दिया. साइकिल पर शव की तस्वीरें वायरल हुई तो पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए शव का अपने प्रयास से अंतिम संस्कार कराया.
इस वीभत्स घटना को लेकर मड़ियाहूं के एसपी उपाध्याय ने बताया कि पुलिस को जब घटना की जानकारी हुई तो मदद के आगे आई. एम्बुलेंस का इंतजाम किया और मृतक महिला का रामघाट श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कराया गया. उधर सीओ मड़ियाहूं संत कुमार ने बताया कि घटना की सूचना पर पुलिस पहुंच गई थी. पुलिस ने तिलकधारी सिंह की सहायता की. शव के लिए गाड़ी का इंतजाम भी कराया गया. इसके अलावा अंतिम क्रिया के लिए शव को जौनपुर के रामघाट पर भेजवाया गया. पुलिसकर्मियों का प्रयास सराहनीय है.