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1st Bihar Published by: Updated Fri, 11 Mar 2022 04:17:32 PM IST
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RANCHI : बिहार के पशुपालन और मत्स्य संसाधन मंत्री तथा विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक मुकेश सहनी ने शुक्रवार को झारखंड की राजधानी रांची में कहा कि वे झारखंड सत्ता की नहीं निषादों और अति पिछड़ों के हक और अधिकार की लड़ाई लडने आए हैं। श्री सहनी भगवान विरसा मुंडा की धरती झारखंड पहुंचने के बाद भगवान बिरसा मुंडा और जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और फिर वीआईपी पार्टी का झारखंड में शुभारंभ करते हुए पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया।
उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा कि बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य निर्माण करने का मुख्य उद्देश्य था कि झारखंड का विकास हो सके। समाज के निचले, दबे कुचलों को उनका अधिकार मिल सके तथा वनवासियों को विकास के पथ पर लाया जा सके। झारखंड जन्म के बाद युवा हो गया, लेकिन आज भी यहां के लोगों की वही स्थिति बनी हुई है। यहां के युवा पलायन कर रहे हैं, मानव तस्करी के जरिए यहां की लडकियों का शोषण हो रहा है। 'सन ऑफ मल्लाह ' के नाम से चर्चित श्री सहनी ने कहा कि हमलोग जब से अति पिछड़ों के आरक्षण को 15 प्रतिशत बढ़ाने की मांग की है, तब से राजनीतिक दलों के वे निशाने पर आ गए हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आज इसी हक की लड़ाई लडने के लिए लोगों का प्यार मिलता है, तो फिर क्यों नहीं इनके हक अधिकार की लड़ाई लड़ूं?
उन्होंने झारखंड सरकार से मांग करते हुए कहा कि मल्लाह जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाए। उन्होंने कहा ऐसा ही प्रस्ताव नीतीश सरकार केंद्र सरकार के पास भेज चुकी है।वीआईपी के नेता ने कहा कि अब तक अति पिछड़ों के कल्याण के लिए नारे खूब लगे, सियासत में इनके वोटों का भी खूब इस्तेमाल किया गया, लेकिन अब समय आ गया है यह अधिकार मांगा नहीं जाए बल्कि इसके लिए लड़ाई लड़ी जाए। श्री सहनी ने उपस्थित लोगों से पार्टी के साथ जुड़ने की अपील करते हुए भरोसा दिलाते हुए साफ लहजे में कहा कि वे झारखंड वापस लौटने के लिए नहीं आए हैं, बल्कि वे यहां लड़ाई लडने और जीतने आए हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने गरीबी देखी है, मल्लाहों की बेरोजगारी का मुझे एहसास है।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि यह वह धरती है जहां एक सामान्य परिवार में जन्मे भगवान बिरसा मुंडा ने आदिवासियों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी। आज फिर से समय आ गया है जब अधिकारों और हक की लड़ाई लड़ी जाए। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि वीआईपी का कारवां झारखंड की पावन भूमि तक पहुंच गई है और आपलोगों की मदद से लड़ाई हम जीतेंगे भी।