DESK: शिवहर से सांसद रमा देवी इन दिनों सुर्खियों में हैं. वजह आजम खान का विवादित बयान है. आजम खान ने लोकसभा में कहा कि मैडम मैं तो आपकी आखों में आखें डालकर देखते रहना चाहता हूं. हालांकि आजम खान ने बाद में खुद के जुबान पर बटर लगाते हुए कहा कि आप मेरी छोटी बहन की तरह हैं लेकिन रमा देवी ने साफ कहा कि आपको सदन में माफी मांगनी होगी. आजम खां की बदजुबानी को लेकर संसद ने सख्त रुख अपना लिया है लेकिन इन सब के बीच यह जानना जरूरी है कि रमा देवी कौन हैं और इनका यूपी से क्या कनेक्शन है.
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कौन हैं रमा देवी
रमा देवी का घर बिहार के मुजफ्फरपुर शहर में ब्रह्मपुरा चौक के पास है. मुजफ्फरपुर से ही लॉ की पढ़ाई करने के बाद 1998 तक वो आम गृहणी की जिंदगी जी रही थीं. रमा देवी के पति बृज बिहारी प्रसाद उस समय बिहार सरकार में साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर थे. बृज बिहारी प्रसाद लालू यादव के खास थे और दबंग छवि के नेता माने जाते थे. लेकिन रमा देवी की लाइफ 3 जून 1998 को पूरी तरह से बदल गई या यूं कहें उनकी जिंदगी का वो सबसे काला दिन था.
जब IGIMS में उस दिन गूंजा बजरंग बली का नारा
4 दिसंबर, 1994 को छोटन शुक्ला की हत्या कर दी गई और इस हत्या के पीछे बृज बिहारी प्रसाद का हाथ होने की बात कही गई. 1998 में एडमिशन घोटाले में बृज बिहारी प्रसाद अरेस्ट हो गए. उन्होंने सीने में दर्द की बात कही. पुलिस ने पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में उन्हें भर्ती करा दिया. मुजफ्फरपुर का अंडरवर्ल्ड उस दरम्यान एकजुट होकर छोटन शुक्ला की मौत का बदला लेना चाहता था. फुल प्रूफ प्लानिंग बनी और 13 जून 1998 को अस्पताल परिसर में ही यूपी के डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला ने एके-47 से उन्हें छलनी कर दिया और बजरंग बली का नारा देकर फरार हो गए.
पति की हत्या के बाद रमा देवी ने मजबूती से अपने को संभाला. संघर्ष करते हुए राजनीतिक जमीन तैयार की. इस बीच 2005 में बिहार से लालू का सफाया हो गया. मौके की नजाकत को समझते हुए रमा देवी ने भाजपा का दामन थाम लिया और 2009 में वो पार्टी की टिकट पर लोकसभा पहुंच गईं. उसके बाद लगातार तीसरी बार वो इस साल सांसद बनी हैं और उत्तर बिहार में बीजेपी के ओबीसी प्लान का एक अहम हिस्सा बन कर उभरी हैं.