उलार के सूर्य मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना होती है पूर्ण, छठ करने आते हैं कई राज्यों से लोग

उलार के सूर्य मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना होती है पूर्ण, छठ करने आते हैं कई राज्यों से लोग

PATNA: ऐतिहासिक उलार सूर्य मंदिर का अपने आप में एक खास महत्व है. खासतौर पर छठ के मौके पर इस पौराणिक मंदिर में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं यहां पर उनकी मनोकामना पूर्ण होती है. छठ के मौके पर इस मंदिर में ना सिर्फ बिहार से बल्कि देश के कई अन्य राज्यों से भी छठ व्रती यहां आते हैं और भगवान भाष्कर की अराधना करते हैं. 

दुल्हिनबाजार के इस पौराणिक मंदिर का इतिहास द्वापर युग से जुड़ा है। द्वापर युग में भगवान कृष्ण और जामवन्ती के पुत्र राजा शाम्ब एक सुन्दर राजा थे. उन्हें अपने रूप पर बड़ा घमन्ड था. एक दिन वो सरोवर में युवतियों के साथ स्नान कर रहे थे कि तभी वहां से गुजर रहे महर्षि गर्ग का राजा शाम्ब ने उपहास उड़ाया, जिससे भड़के महर्षि गर्ग ने राजा शाम्ब को कुष्ठ रोग होने का श्राप दे दिया. इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए भगवान कृष्ण ने अपने पुत्र राजा शाम्ब को सूर्य की उपासना कराने की सलाह दी. जिसके बाद राजा शाम्ब ने 12 जगहों पर सूर्य की उपासना की जो बाद में 12 अर्क (सूर्य स्थली) के रूप में प्रतिष्ठापित हुआ,जिसमें पालीगंज के उलार सूर्य मंदिर सहित 6 सूर्य स्थली बिहार में है और बाकि के 6 बिहार के बाहर. पालीगंज के सूर्य स्थली ओलार्क (उलार) के अलावा उड़ीसा में कोनार्क,औरंगाबाद के दे‌व में देवार्क,पण्डारक में पुण्यार्क,औगारी में औंगार्क,काशी में लोलार्क,सहरसा में मार्कण्डेयार्क कटारमल में कटलार्क,उत्तराखंड में अलमोरा,बड़गांव में बालार्क,चन्द्रभागा नदी के किनारे चानार्क,पाकिस्तान में आदित्यार्क और गुजरात में मोढ़ेरार्क के रूप में सूर्य स्थली का निर्माण हुआ.

मुगल शासक औरंगजेब द्वारा कुछ सूर्य मंदिरों को तोड़ दिया गया था जिसमें से एक पालीगंज का उलार सूर्य मंदिर भी था. फिर 1948 में परम हंस श्री श्री 108 अलबेला बाबा जी महाराज पालीगंज आए और जर्जर अवस्था में पड़े उलार मंदिर को ठीक कराया और तब से लेकर आजतक इस पौराणिक मंदिर में लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है. खासतौर पर छठ में तो इस मंदिर की रौनक देखते हीं बनती है. हर साल छठ के मौके पर इस मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्ता बढ़ती जा रही है. पिछले साल छठ के मौके पर उलार सूर्य मंदिर में करीब साढ़े 5 लाख श्रद्धालु की भीड़ हुई थी और इस बार उससे भी ज्यादा भीड़ होने का अनुमान लगाया जा रहा है. मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी मनोकामना मांगी जाती है वो पूर्ण होती है. छठ को लेकर प्रशासन की तरफ से भी सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है. प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि और युवाओं की टोली भी हर साल छठ में अपना-अपना योगदान देते हैं.


छठ के मौके पर उलार सूर्य मंदिर में ना सिर्फ बिहार से बल्कि झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल सहित देश के कई राज्यों से छठ व्रती आते हैं और छठ व्रत करते हैं. इस पौराणिक मंदिर में उमड़ने वाले लाखों की भीड़ को संभालने के लिए प्रशासन ने भी कमर कस ली है. छठ पर्व के लिए प्रशासन ने ओलार्क धाम (मंदिर) परिसर में मौजूद बड़े तालाब की साफ-सफाई के साथ-साथ बैरिकेटिंग की भी व्यवस्था कर रही है. साथ ही लाइटिंग और छठ व्रतियों के ठहरने की भी पूरी व्यवस्था कर दी गयी है. वहीं असमाजिक तत्वों से निपटने के लिए पटना पुलिस ने पूरी व्यवस्था कर रखी है.