जेब में फटा iPhone-13, गंभीर रूप से झुलसा युवक, Apple की सुरक्षा पर उठे सवाल मोतिहारी में युवक की चाकू मारकर हत्या, परिजनों में मचा कोहराम, SIT का गठन RCBvsRR: “जागो, विपक्षी टीम के गेंदबाजों को कूटो और सो जाओ”, इस सीजन कोहली के पांचवे अर्धशतक के बाद सामने आई फैंस की प्रतिक्रियाएं पहलगाम हमले का मामला पहुंचा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार उच्चायोग के पास, पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग BSF Jawan Captured: गलती से जीरो लाइन को पार कर गया BSF जवान, पाक रेंजर्स ने हिरासत में लिया चली समीयाना में आज तोहरे चलते गोली..बर्थडे पार्टी में कट्टा लहराकर युवक-युवतियों ने किया डांस, वीडियो हो गया वायरल भारत की कार्रवाई के खिलाफ पाकिस्तान ने उठाए कदम, एयरस्पेस और वाघा बॉर्डर को किया बंद Pahalgam Terror Attack: ढाबे वाले की गलती ने बचा ली 11 लोगों की जान, पहलगाम हमले में बाल-बाल बचे पर्यटकों की आपबीती Bihar Politics: VIP ने सुपौल के छातापुर में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल महागठबंधन की बैठक में CM फेस पर फिर चर्चा नहीं: तेजस्वी को जवाब नहीं सूझा, कहा-पिछली ही बैठक में सब तय हुआ था, होशियार लोग समझ रहे हैं
1st Bihar Published by: 8 Updated Wed, 31 Jul 2019 02:25:25 PM IST
- फ़ोटो
DELHI: भारत में अब तलाक-तलाक-तलाक कहकर पत्नी को छोड़ देने का खेल नहीं चलेगा. देश की संसद ने तीन तलाक को नाजायज यानि गैरकानूनी करार देने का बिल पास कर दिया है. राज्यसभा ने आज तीन तलाक बिल को पास कर दिया. लोकसभा इसे पहले ही पास कर चुकी है. लिहाजा तीन तलाक पर कानून बनने का रास्ता पास हो गया है. इस बिल को राज्यसभा से पास कराना नरेंद्र मोदी सरकार की बडी सफलता मानी जा रही है. राज्यसभा में तीन तलाक बिल के पक्ष में 99 वोट पड़े, वहीं विरोध में सिर्फ 84 वोट ही पड़े. AIADMK और JDU ने राह की आसान दरअसल, इस बिल पर वोटिंग के दौरान एआईएडीएमके और जदयू ने सरकार की राह आसान कर दी. दोनों पार्टियों ने सदन का बहिष्कार कर दिया. वहीं नवीन पटनायक की BJD ने तीन तलाक बिल का समर्थन कर दिया. इन तीनों पार्टियों के रूख से साफ हो गया कि सरकार इस दफे बिल को राज्यसभा से पास कराने में सफल हो गई. 2017 से मोदी सरकार कर रही थी कोशिश दरअसल अगस्त 2017 में ही सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को अवैध करार दिया था. इसके बाद से ही नरेंद्र मोदी सरकार तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने में लगी थी. लेकिन राज्यसभा में बहुमत न होने के कारण सरकार को अपनी कोशिशों में सफलता नहीं मिल रही थी. इस दफे सरकार ने वोट का मैनेजमेंट कर लिया था. लिहाजा सरकार बिल को लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास कराने में सफल रही.