PATNA: पटना हाई कोर्ट में गुरुवार को राज्य के 8 हजार से अधिक कंप्यूटर साइंस उच्च माध्यमिक शिक्षकों की बहाली के लिए बीपीएससी द्वारा ली गई प्रथम चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम और पूरक परिणाम को रद्द करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने बिहार सरकार और बीपीएससी से जवाब तलब किया है।
पटना हाई कोर्ट के जस्टिस अंजनी कुमार शरण की पीठ ने रीट याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार सरकार और बीपीएससी को जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का वक्त दिया है। याचिकाकर्ता विजय शंकर तिवारी के वकील ने कोर्ट को बताया कि टीआरई वन के लिए 30 मई 2023 को विज्ञापन निकाला गया था, जिसमें 900 से अधिक अभ्यर्थियों का चयन किया गया।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि परिणाम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी है। किसी भी हाल में बड़ी संख्या में EWS सफल अभ्यर्थियों की मेरिट सीरियल अनरिजर्व सफल अभ्यर्थियों की मेरिट सीरियल से कम नहीं हो सकती है। विज्ञापन की अंतिम तिथि के बाद कई अभ्यर्थियों ने योग्यता हासिल की। बीपीएससी ने अभ्यर्थियों को 18 से 30 अक्टूबर 2023 तक कागजात अपलोड करने का समय दिया ताकि दस्तावेजों की सही एवं सुपाठ्य कॉपियों को आगे अपलोड किया जा सके, जो सत्यापन के दौरान उपयुक्त नहीं मिले।
जिसका लाभ उठाते हुए अयोग्य सफल उम्मीदवारों ने गलत तरीके से शिक्षक बहाली परीक्षा के अभ्यर्थियों की कट ऑफ तिथि के बाद घोषित एसटीईटी 2023 का परिणाम अपलोड कर दिया। जिसके कारण योग्य अभ्यर्थी, जिनकी योग्यता 22 जुलाई 2023 के पहले पूर्ण थी, उनका चयन नही हो सका। इस मामले पर अगली सुनवाई चार हफ्ते के बाद होगी।