DESK : गंगूबाई काठियावाड़ी के ट्रेलर रिलीज होने के बाद एक ओर जहां लोग फिल्म के रिलीज होने का इंतजार कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज होना एक परिवार के लिए परेशानी का सबब बन गया है। परिवार वालों ने फिल्म, संजय लीला भंसाली और लेखक हुसैन जैदी पर मानहानि का दावा किया है।
गंगूबाई काठियावाडी फिल्म ने उसके परिवार की परेशानी बढ़ा दी है। आलम यह है कि लोगों के तीखे सवालों से बचने के लिए मुंबई में यह परिवार बार-बार अपना ठिकाना बदलने के विवश है। गंगूबाई ने चार बच्चों को गोद लिया था। चार बच्चों से उनकी फैमिली बढ़कर आज 20 लोगों की हो गई है। इतने सालों के बाद इस परिवार की मुसीबतें तब बढ़ गईं जब फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ। अपने रिश्तेदारों के बीच मजाक का पात्र बन रहे उनके बेटे ने अपनी मां गंगूबाई और परिवार की इज्जत को बचाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
गंगूबाई फैमिली के वकील नरेन्द्र बताते हैं कि ट्रेलर रिलीज होने के बाद पूरा परिवार सदमे में है। फिल्म में जिस तरह से गंगूबाई के पात्र को दर्शाया जा रहा है वह पूरी तरह से गलत है। यह पूरी तरह से वल्गर और न्यूड है। फिल्म में एक सोशल एक्टिविस्ट को प्रोस्टीट्यूट की तरह रिप्रजेंट किया गया है। फिल्म में गंगूबाई को लेडी माफिया डॉन बना दिया गया है।वकील नरेन्द्र बताते हैं कि उनकी लड़ाई 2020 से ही शुरू हुई है। जब गंगूबाई के बेटे को पता चला कि उनकी मां के ऊपर कोई किताब आई है जिसपर फिल्म बन रही है। जिसके बाद से पूरा परिवार छिपता फिर रहा है। उनके रिश्तेदार उन्हे सन ऑफ बीच कहकर बुलाते हैं। लोग उनसे पूछ रहे हैं कि क्या उनकी मां वाकई में प्रॉस्टीट्यूट थी। वकील ने बताया कि इसको लेकर संजय लीला भंसाली और राइटर हुसैन जैदी को नोटिस भेजा गया है लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।
गंगूबाई के गोद लिए बेटे बाबूरावजी शाह कहते हैं कि लोग उनकी मां के बारे में तरह तरह की बातें करते हैं, जो उन्हें अच्छा नहीं लगता है। वहीं गंगूबाई की नतिनी भारती कहती हैं कि न तो किताब लिखने से पहले उसके लेखक ने अनुमति मांगी और ना ही फिल्म बनाने से पहले ही किसी तरह की अनुमति मांगी गई है। कमाठीपुरा में रहने से कोई वैश्या नहीं हो जाता। परिवार के लोग कहते हैं कि पहले वे फक्र से गंगूबाई के किस्से लोगों से सुनाया करते थे लेकिन अब फिल्म का ट्रेलर आने के बाद उनका जीना मुहाल हो गया है।