तीसरी दफे कांग्रेस में शामिल हुए रामजतन सिन्हा: कई पार्टियों की सैर के बाद पुराने घर में लौटे, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 14 Aug 2024 04:29:56 PM IST

तीसरी दफे कांग्रेस में शामिल हुए रामजतन सिन्हा: कई पार्टियों की सैर के बाद पुराने घर में लौटे, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं

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DELHI: बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके प्रो. रामजतन सिन्हा एक बार फिर अपने पुराने घर में वापस लौटे हैं. दिल्ली में आज उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. कांग्रेस की वर्किंग कमेटी के सदस्य नासिर हुसैन और पवन खेड़ा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलायी. इस मौके पर कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी मौजूद थे.  रामजतन सिन्हा ने 2005 में कांग्रेस छोड़ी थी. कुछ साल बाद फिर से शामिल हुए और 2012 में पार्टी छोड़ दी थी. अब एक बार फिर कांग्रेस में लौटे हैं.


बता दें कि रामजतन सिन्हा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. लेकिन फिर उन्होंने कई पार्टियां बदली. वे जहानाबाद जिले के मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र से एक बार विधायक भी रह चुके हैं. कांग्रेस छोड़ने के बाद रामजतन सिन्हा ने अपनी पार्टी भी बनायी थी. पार्टी नहीं चली तो जेडीयू में शामिल हुए थे. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में वे राजद के भी संपर्क में रहे. लेकिन कहीं एडजस्टमेंट नहीं हुआ. आखिरकार वे वापस कांग्रेस में लौट आये.


दरअसल, रामजतन सिन्हा 2005 में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे. कांग्रेस ने 2005 के विधानसभा चुनाव में राजद से गठबंधन किया था. रामजतन सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर जहानाबाद के मखदुमपुर से चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के लिए भी सीट छोड़ने से इंकार कर दिया था. उसके बाद रामजतन सिन्हा ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ा था लेकिन हार गये. 


रामजतन सिन्हा बाद में फिर कांग्रेस में शामिल हुए थे. लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें भाव नहीं दिया. ऐसे में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. अब एक बार फिर से वापस कांग्रेस में लौटे हैं. किसी दौर में रामजतन सिन्हा जहानाबाद, अरवल, गया से लेकर पटना तक अपनी जाति के कद्दावर नेता माने जाते थे. लेकिन राजनीति में हाशिये पर जाने के बाद उनका आधार खत्म हो गया. कांग्रेस में चर्चा है कि रामजतन सिन्हा अपने बेटे को अगले विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारना चाहते हैं. इसलिए फिर से कांग्रेस का दामन थामा है.