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1st Bihar Published by: Updated Fri, 02 Jul 2021 12:24:22 PM IST
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PATNA : बिहार में अफसरशाही के आरोप से घिरे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर से तंज कसा है. मंत्री मदन सहनी की तरफ से इस्तीफे की पेशकश और बिहार में जनप्रतिनिधियों के ऊपर अफसरशाही के रवैया को लेकर निशाना साधे जाने के बाद लालू यादव ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है. लालू यादव ने कहा है कि थर्ड डिवीजन से पास करने का नतीजा यही होता है. लोक मर्यादा और जनादेश को ताक पर रखकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार भले ही बैठ गए हों लेकिन अब रिजल्ट सामने आ रहा है.
लालू यादव ने ट्वीट करते हुए नीतीश कुमार पर तंज कसा है लालू यादव ने लिखा है- गिरते-पड़ते, रेंगते-लेटते, धन बल-प्रशासनिक छल के बलबूते जैसे-तैसे थर्ड डिविज़न प्राप्त 40 सीट वाला जब नैतिकता, लोक मर्यादा और जनादेश को ताक पर रखकर मुख्यमंत्री बनता है तब ऐसा होना स्वाभाविक है.
इसके साथ ही लालू यादव ने यह भी कहा है कि बिहार में अच्छे और बुरे सरकार की बात तो छोड़ दीजिए, यहां तो सरकार नाम की चीज ही नहीं है. दरअसल लालू यादव ने स्पीच के साथ मंत्री मदन सहनी के बयान वाली उस मीडिया रिपोर्ट को भी साझा किया है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि चंद अफसरों की सरकार में चलती है मंत्री और विधायक की कोई नहीं सुनता.
आपको बता दें कि गुरुवार को नीतीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी. मदन सहनी ने कहा था कि उनके विभाग में अधिकारियों का राज चल रहा है औऱ अब उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा. मदन सहनी ने अपने विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद पर गंभीर आऱोप लगाये थे.
दरअसल समाज कल्याण विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर मंत्री औऱ प्रधान सचिव के बीच विवाद हुआ था. इसके कारण सीडीपीओ समेत विभाग के कई दूसरे अधिकारियों का ट्रांसफर जून महीने में नहीं हो पाया था. मंत्री औऱ प्रधान सचिव में घमासान लगातार बढ़ता जा रहा था. जून में ट्रांसफर कर पाने में सफल नहीं हो पाये मंत्री ने गुरुवार इस्तीफे की पेशकश कर दी.
प्रधान सचिव पर तीखा हमला
मंत्री मदन सहनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने पूरे विभाग को चौपट कर दिया है. विभाग में कोई काम नहीं हो रहा है. ट्रांसफर पोस्टिंग में मंत्री की नहीं सुनी जा रही है. प्रधान सचिव चार सालों से विभाग में जमे हैं. प्रधान सचिव बतायें कि उन्होंने क्या किया. विभाग के कई अहम पदों पर सालों से एक ही अधिकारी जमे हुए हैं. उनके कारण सही तरीके से काम नहीं हो पा रहा है.
मदन सहनी ने कहा कि प्रधान सचिव मंत्री की बात ही नहीं सुनते. प्रधान सचिव के रवैये को लेकर उन्होंने उपर भी शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गयी. पूरा समाज कल्याण विभाग चौपट हो गया है. इसलिए उनके पास इस्तीफा देने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है.
ट्रांसफर में मंत्री की नहीं चली
जानकारों की मानें तो सारा मामला ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़ा है. जून के महीने में विभागों को अपने स्तर पर ट्रांसफर करने की छूट होती है. समाज कल्याण विभाग के सूत्रों के मुताबिक मंत्री मदन सहनी ने नियमों को ताक पर रख कर ट्रांसफर करने की कवायद शुरू की थी. लेकिन प्रधान सचिव ने नियम विरूद्ध ट्रांसफर करने से इंकार कर दिया था. मंत्री औऱ सचिव की लड़ाई में विभाग में ट्रांसफर ही नहीं हो पाया.
सीडीपीओ के ट्रांसफर पर हुआ विवाद
समाज कल्याण विभाग के सूत्रों के मुताबिक मंत्री बड़े पैमाने पर सीडीपीओ का ट्रांसफर करना चाहते थे. सरकार ने नियम बना रखा है कि तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद ही अधिकारियों का तबादला किया जाये. लेकिन मंत्री कई ऐसे अधिकारियों का ट्रांसफर करना चाहते थे जिनका तीन साल का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ था. वे खराब परफार्मेंस वाले सीडीपीओ को भी अहम जगह देने की कवायद में लगे थे. प्रधान सचिव ने मंत्री की सिफारिशों को मानने से इंकार कर दिया था. इसके बाद मंत्री ने इस्तीफे की पेशकश की.