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AURANGABAD : बिहार में बहार है नीतीश- तेजस्वी की सरकार है। इसके बाबजूद स्वास्थ्य का हाल बदहाल है। जबकि इस विभाग का कमान सूबे में दूसरे सबसे बड़े नेता तेजस्वी यादव के पास है। इतना ही नहीं तेजस्वी इस विभाग में सुधार को लेकर तरह - तरह की योजना भी चलाते रहते हैं। लेकिन,इसके बाबजूद इस विभाग का सुरत ए हाल में बदलाव होता नजर नहीं आता है। अब एक ऐसा ही ताजा मामला औरंगाबाद से निकल कर सामने आ रहा है।
दरअसल, औरंगाबाद के सबसे बड़े हॉस्पिटल सदर अस्पताल के ऑपरेशन टेबल पर मरीजों को छोड़ लेडी डॉक्टर रफ्फु-चक्कर हो गई। जबकि यह सदर अस्पताल बेहतर सेवा देने के मामले में आइएसओ सर्टिफिकेशन प्राप्त है। यहां तीन महिलाएं ऑपरेशन टेबल पर लेटी हुई नजर आई। जिनका बंध्याकरण ऑपरेशन किया जाना था। ये लोग दिन भर प्री-ऑपरेशनल ट्रीटमेंट के दौर से गुजर चुकी है। उसके बाद देर शाम इन तीन महिलाओं में से दो को ऑपरेशन थिएटर में लाकर ऑपरेशन टेबल पर लाया जाता है। एक महिला को वेटिंग में ऑपरेशन थिएटर के बाहर रखा जाता है। ऑपरेशन थिएटर के अंदर ऑपरेशन टेबल पर लिटाई गई दोनों महिलाओं के शरीर पर ऑपरेशनल कपड़े डाल दिए जाते है। ऑपरेशन टेबल पर कैंची, छूरी और अन्य सामान रख दिए जाते है।
वहीं, इसके बाद लेडी डॉक्टर की ऑपरेशन थिएटर में एंट्री होती है। वें दोनों पेशेंट्स को देखती है। देखने के बाद अचानक से वह यह कह कर चल देती है कि वें ऑपरेशन नही करेगी। फिर परिजन हो हल्ला करने लगते है कि दिन भर अस्पताल में रखकर ऑपरेशन टेबल पर लिटाने के बाद ऑपरेशन नही करना गलत है। यह सब सुनने के बावजूद डॉक्टर नही रुकती है और वह अस्पताल से चली जाती है।
उधर, जब इस मामले की जानकारी अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. सुनील कुमार और डीपीएम अनवर आलम को दी गई तो उन्होंने बताया कि डॉ. ऋचा चौधरी की ऑपरेशन के लिए ड्यूटी नही लगी थी, वें रोस्टर देखकर ही बता सकते है कि किस डॉक्टर की ड्यूटी थी। यह भी कहा कि वें डॉक्टर को बुला रहे है। ऑपरेशन हो जाएगा। इसके कुछ देर बाद डॉक्टर आशुतोष आते है और ऑपरेशन करते है। जबकि,परिजनों का कहना है कि पहले ऑपरेशन डॉ. ऋचा चौधरी को ही करना था लेकिन कॉल आने पर अपने प्राईवेट अस्पताल चली गई। डॉक्टर का शहर में ही अपना प्राईवेट हॉस्पिटल है और कॉल आने के बाद वें बिना ऑपरेशन किए ही चली गई।