Katihar News: कटिहार में श्रीगुरुग्रंथ साहिब का प्रकाश पर्व मानव कल्याण अरदास के साथ संपन्न Katihar News: कटिहार में श्रीगुरुग्रंथ साहिब का प्रकाश पर्व मानव कल्याण अरदास के साथ संपन्न Bihar Politics: ‘वोटर अधिकार यात्रा जनता को गुमराह करने का प्रयास’ बीजेपी सांसद प्रदीप कुमार सिंह का अटैक Bihar Politics: ‘वोटर अधिकार यात्रा जनता को गुमराह करने का प्रयास’ बीजेपी सांसद प्रदीप कुमार सिंह का अटैक Bihar News: अररिया में महावीरी महोत्सव पर निकली भव्य शोभा यात्रा, जय श्री राम के नारों से गुंजा शहर Bihar News: अररिया में महावीरी महोत्सव पर निकली भव्य शोभा यात्रा, जय श्री राम के नारों से गुंजा शहर Bihar Viral Video: बिहार के कांग्रेस जिलाध्यक्ष के बेटे की दबंगई, मामूली बात पर सख्स को बेरहमी से पीटा; वीडियो वायरल Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत, जीजा, साली और पत्नी की गई जान Bihar Politics: ‘अगर वोट का अधिकार नहीं होता तो OBC को आरक्षण नहीं मिलता’ वोटर अधिकार यात्रा के दौरान बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘अगर वोट का अधिकार नहीं होता तो OBC को आरक्षण नहीं मिलता’ वोटर अधिकार यात्रा के दौरान बोले मुकेश सहनी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 26 Jul 2023 11:40:51 AM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के करीबी मंत्री आलोक मेहता ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में सीओ से लेकर दूसरे अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर खेल किया था. आज इस बात को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी स्वीकार कर लिया. तेजस्वी की मौजूदगी में नीतीश ने कहा-हर पार्टी का लोग शिकायत कर रहा था. ट्रांसफर पोस्टिंग में बहुत गड़बड़ी थी, इसलिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में तबादले को रद्द करने को कहा.
पटना में आज मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोगों ने हर विभाग को जून महीने में ट्रांसफर पोस्टिंग करने की छूट दे रखी है. लेकिन उसके लिए नियम है. तीन साल के कार्यकाल के बाद अधिकारियों का ट्रांसफर करना है. ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए पहले से प्रावधान तय है. लेकिन हमको हर पार्टी के लोगों ने शिकायत की थी. राजद के लोगों ने भी आकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में बड़े पैमाने पर हुई ट्रांसफर पोस्टिंग की शिकायत की थी. इसके बाद हमने जांच करायी तो गड़बड़ी सामने आयी. इसके बाद हमने विभाग को उसे रद्द करने को कहा. अब नये सिरे से ट्रांसफर पोस्टिंग की लिस्ट तैयार होगी. नीतीश कुमार जब आलोक कुमार मेहता की पोल खोल रहे थे बगल में मौजूद तेजस्वी यादव का चेहरे का भाव देखने लायक था.
बता दें कि मंगलवार की शाम एक नोटिफिकेशन जारी कर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में बड़े पैमाने पर हुए ट्रांसफर पोस्टिंग को रद्द कर दिया गया था. इश विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता हैं. उनके विभाग ने 30 जून की रात ताबड़तोड़ ट्रांसफर-पोस्टिंग के पांच आदेश जारी किये थे. इनमें 517 पदाधिकारियों के तबादले की अधिसूचना जारी की गयी थी. 30 पदाधिकारियों को अपने मूल कैडर में वापस भेजा गया था. बाकी 487 अधिकारियों को बिहार के अलग अलग अंचलों में पोस्टिंग की गयी थी. इनमें सबसे ज्यादा 395 अंचलाधिकारी यानि सीओ की ट्रांसफर पोस्टिंग की गयी थी.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए बड़े खेल की शिकायत नीतीश कुमार को मिली थी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने मामले की जांच करायी थी. जांच में जब गड़बड़ी की पुष्टि हुई तो सीएम कार्यालय से सख्त दिशा निर्देश दिये गये थे. इसके बाद कल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने खुद अधिसूचना जारी की. इसमें 30 जून को जारी ट्रांसफर पोस्टिंग की अधिसूचना संख्या-4159(3), 416(3), 417(3) और 418(3) को निरस्त करने का आदेश जारी किया गया है. विभाग की अधिसूचना में कहा गया है कि बिहार सरकार के राजस्व पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, सहायक चकबंदी पदाधिकारी जैसे पदों पर 30 जून को किया गया तबादला निरस्त किया जाता है.
दरअसल, बिहार सरकार के नियमों के मुताबिक साल के जून महीने में मंत्रियों को ये अधिकार होता है कि वह अपने विभाग के पदाधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग कर सकते हैं. इसके अलावा किसी दूसरे महीने में ट्रांसफर पोस्टिंग करने पर उसकी मंजूरी मुख्यमंत्री से लेनी होती है. जून महीने के आखिरी दिन मंत्री आलोक कुमार मेहता के विभाग में ताबड़तोड़ ट्रांसफर पोस्टिंग की नोटिफिकेशन निकाली गयी.
ऐसे हुआ था खेल
राज्य सरकार का नियम है कि किसी पदाधिकारी की पोस्टिंग एक स्थान पर तीन साल के लिए करनी है. बहुत विशेष परिस्थिति में ही 3 साल से पहले किसी अधिकारी की ट्रांसफर पोस्टिंग करना है. लेकिन आलोक मेहता ने बिहार के लगभग 75 परसेंट सीओ का एक झटके में ट्रांसफर कर दिया. इनमें से ज्यादातर ऐसे थे जिनकी पोस्टिंग के तीन साल नहीं हुए थे. हद तो ये था कि 6 महीने-एक साल पहले जिसकी पोस्टिंग हुई थी, उसका भी ट्रांसफर कर दिया गया.
कई विधायकों ने की थी शिकायत
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए कारनामे की चर्चा पूरे प्रशासनिक और सरकारी महकमे में आम थी. चर्चा तो ये हो रही थी कि खेल 100 करोड़ से ज्यादा का है. इस बीच कई विधायकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीओ की ट्रांसफर पोस्टिंग की शिकायत की थी. जुलाई के पहले सप्ताह में ही नीतीश कुमार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए ट्रांसफर पोस्टिंग की फाइल अपने पास मंगवायी थी. इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय ने पूरे तबादले की जांच करायी थी.
राजद के दूसरे मंत्री पर गिरी गाज
नीतीश कुमार ने राजद के दूसरे मंत्री पर गाज गिरायी है. दोनों तेजस्वी यादव के बेहद करीबी मंत्री माने जाते हैं. इससे पहले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विभाग में केके पाठक को बिठा कर उन्हें ठीक किया गया. शिक्षा विभाग में केके पाठक के जाने के बाद हाल ये हुआ कि जून महीने में मंत्री चंद्रशेखर कोई ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं कर पाये. सरकारी महकमे में चर्चा यही है कि ट्रांसफर पोस्टिंग का इरादा पूरा नहीं होने के बाद ही मंत्री चंद्रशेखर बौखलाये थे. उनके पास ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए 200 से ज्यादा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों और दर्जनों जिला शिक्षा पदाधिकारियों की लिस्ट तैयार थी. लेकिन केके पाठक ने सारी प्लानिंग फेल कर दी. तभी जून महीना बीत जाने के बाद जुलाई में मंत्री चंद्रशेखर के सब्र का बांध टूट गया था.