मधुमक्खी के छत्ते में हाथ कौन डाले? तेजप्रताप पर बोलने का साहस नहीं जुटा पाए तेजस्वी.. जगदानंद पर सवाल छोड़कर भागे

मधुमक्खी के छत्ते में हाथ कौन डाले? तेजप्रताप पर बोलने का साहस नहीं जुटा पाए तेजस्वी.. जगदानंद पर सवाल छोड़कर भागे

PATNA : आरजेडी के दूसरे नेता ही नहीं बल्कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी अपने बड़े भाई तेजप्रताप यादव से डरते हैं. शायद यही वजह है कि प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को अपमानित करने वाले तेज प्रताप यादव के ऊपर उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही.  तेज प्रताप यादव से जलील होने के बाद आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह लगातार पार्टी दफ्तर से दूरी बनाए हुए हैं.


तेजस्वी यादव ने आज जब प्रदेश कार्यालय पहुंचकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. तब भी जगदा बाबू उसमें मौजूद नहीं रहे. इससे समझा जा सकता है कि तेज प्रताप के बयान से जगदानंद सिंह कितने ज्यादा दुखी हैं. तेजस्वी यादव पर्दे के पीछे तो जगदानंद सिंह को मनाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन में इस मसले पर वह मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से बच रहे. आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब जगदा बाबू की नाराजगी और तेज प्रताप के बयान को लेकर सवाल किया गया तो तेजस्वी यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ कर उठ गए.


राजद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज जातीय जनगणना के मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी. जातीय जनगणना के मसले पर अपनी बात रखने के बाद तेजस्वी ने मीडिया से कहा कि वह जातीय जनगणना पर ही अपना सवाल केंद्रित रखें. यह प्रेस कॉन्फ्रेंस इसी के लिए बुलाई गई है. शायद तेजस्वी यादव को अंदाजा था कि उनसे जगदानंद सिंह और तेजप्रताप को लेकर सवाल किया जा सकता है. जातीय जनगणना के मसले पर मीडिया ने पहले सवाल किया लेकिन लगे हाथ से जगदा बाबू की नाराजगी पर भी सवाल पूछ डाला. इस सवाल से तेजस्वी असहज हो गए. 


तेजस्वी ने कहा कि आज हमारा प्रेस कॉन्फ्रेंस जातीय जनगणना के मसले पर है और कहीं कोई नाराज नहीं है. इसके बाद दूसरे सवाल होते रहे लेकिन तेजस्वी प्रेस कॉन्फ्रेंस से निकल गए. उनके साथ साथ पार्टी के दूसरे नेता भी वहां से चलता हो लिए. एसपी जानते थे कि बात जब जगदानंद सिंह की आई है. तो तेज प्रताप यादव की टिप्पणी को लेकर भी उनसे सवाल किया जाएगा.


शायद तेजस्वी यादव तेज प्रताप यादव के ऊपर कुछ कहना नहीं चाहते थे. तेजप्रताप अब तक जिस अंदाज में राजनीति करते हैं. उसे शायद तेजस्वी को भी डर लगता है. तेजस्वी इस आशंका से गिरे हुए हैं कि कहीं तेज प्रताप के ऊपर कोई टिप्पणी कर वह अपनी फजीहत ना करवा लें. यही वजह है कि उन्होंने तेज प्रताप के ऊपर कोई टिप्पणी नहीं की.


आरजेडी के अंदर आलम यह है कि कोई भी नेता तेज प्रताप के ऊपर जुबान खोलने को तैयार नहीं हैं. जगदानंद सिंह के साथ मान मनोबल का दौर जारी है. लेकिन किसी ने भी तेज प्रताप के बयान की आलोचना नहीं की है. इसकी एक और बड़ी वजह है. पार्टी के 25 वें स्थापना दिवस समारोह के मौके पर तेज प्रताप यादव ने खुले मंच से जगदा बाबू पर तंज पता था. लेकिन इसके बावजूद उसी कार्यक्रम में लालू यादव ने तेज प्रताप की तारीफ कर दी. अब जिसके पीठ पर लालू यादव का हाथ हो उसके ऊपर कौन हाथ डाले.