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1st Bihar Published by: Updated Tue, 10 Aug 2021 09:30:13 AM IST
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PATNA : आरजेडी ऑफिस में आयोजित कार्यक्रम के मंच से प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को जमकर खरी-खोटी सुनाने वाले लालू यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव के ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई का साहस पार्टी नहीं जुटा पा रही। तेज प्रताप लालू के लाल है लिहाजा उनके ऊपर एक्शन लेने का साहस पार्टी के किसी नेता में नहीं है। ऐसे मामलों में अगर किसी दूसरे नेता ने जगदानंद सिंह के खिलाफ बयानबाजी की होती तो अब तक के नोटिस भी जारी हो गया रहता और संभवतः एक्शन भी लेकिन मामला लालू के लाल से जुड़ा है लिहाजा पार्टी के सभी नेताओं की जुबान पर ताला लग गया है। रविवार को छात्र आरजेडी की बैठक में शामिल होते हुए तेज प्रताप यादव ने जगदानंद सिंह को हिटलर बताया था। तेज प्रताप ने यहां तक कह दिया था कि कुर्सी किसी की बपौती नहीं है। इतना सब कुछ सुनने के बावजूद अब तक जगदानंद सिंह ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
सत्तापक्ष के नेताओं पर बड़े-बड़े हमले बोलने वाले आरजेडी के दूसरे नेताओं को भी सांप सूंघ गया है। किसी को समझ में नहीं आ रहा कि लालू यादव के बड़े बेटे के ऊपर कुछ कहे भी तो कैसे कहें? तेज प्रताप के बयान के बाद जगदानंद सिंह खुद असमंजस में हैं। यही कारण है कि सोमवार को वह प्रदेश कार्यालय नहीं पहुंचे। रविवार को छोड़ बाकी दिन जगदा बाबू प्रदेश कार्यालय में सुबह से शाम तक मौजूद रहते हैं लेकिन सोमवार को प्रदेश कार्यालय उनका नहीं पहुंचना तेज प्रताप प्रकरण से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि जगदा बाबू के करीबी नेताओं का कहना है कि हम तेजप्रताप के बयान को नोटिस नहीं लेते। तेजप्रताप पार्टी के कोई पदाधिकारी नहीं, वह लालू यादव के बेटे हैं इसलिए उनका बयान मीडिया में छा जाता है। हकीकत यह है कि तेज प्रताप यादव एक मामूली कार्यकर्ता और विधायक से ज्यादा कोई हैसियत नहीं रखते।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जगदानंद सिंह पर तेज प्रताप ने इस तरह निशाना साधा हो। पार्टी के 25वें स्थापना दिवस समारोह के मंच से भी तेज प्रताप ने जगदानंद सिंह पर टिप्पणी की थी। तब तेजस्वी यादव भी वहां मौजूद थे। उस वक्त भी दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जुड़े लालू यादव ने तेज प्रताप की तारीफ की थी। एक तरफ तेजप्रताप जहां जगदानंद सिंह को जलील कर रहे थे वहीं लालू यादव तेज प्रताप की तारीफ कर रहे थे। तेज प्रताप और लालू यादव के बीच इस केमिस्ट्री को देखते हुए अब पार्टी के बाकी नेताओं को समझ नहीं आ रहा है कि वह इस मामले पर कैसे रिएक्ट करें। फिलहाल नेतृत्व ना तो तेज प्रताप यादव और ना ही उनके करीबी छात्र आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव के खिलाफ कोई एक्शन लेने का साहस जुटा पा रहा है। ऐसे में सबको इंतजार इस बात का है कि जगदानंद सिंह क्या तेजप्रताप के बयान को नजरअंदाज कर एक बार फिर पार्टी ऑफिस से पहुंचेंगे या इस बार उनकी नाराजगी ज्यादा होगी।