PATNA: क्या राजद के युवराज तेजस्वी प्रसाद यादव अपनी सहयोगी पार्टियों के नेताओं को अपने स्तर से नीचे का नेता मान रहे हैं. महागठबंधन की साझा प्रेस कांफ्रेंस से तेजस्वी के लगातार गायब रहने से यही सवाल उठ रहा है. आज महागठबंधन की प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी की कौन कहे राजद के प्रदेश अध्यक्ष तक नहीं गये. पार्टी के एक विधायक को भेजकर नुमाइंदगी की रस्म अदायगी कर ली गयी.
ये कैसी साझा प्रेस कांफ्रेंस
पटना में आज महागठबंधन की साझा प्रेस कांफ्रेंस थी. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के साथ साथ अभियान समिति के अध्यक्ष अखिलेश सिंह, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा और वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी इस साझा प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद थे. लेकिन जो खुद को महागठबंधन का नेता घोषित कर चुके हैं वो नजर नही आये. तेजस्वी यादव इस प्रेस कांफ्रेंस से गायब थे. तेजस्वी की कौन कहे उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष या किसी दूसरे सीनियर लीडर ने इस प्रेस कांफ्रेंस में शिरकत नहीं किया. राजद ने अपने विधायक कुमार सर्वजीत को प्रेस कांफ्रेंस में भेजकर नुमाइंदगी की रस्म अदायगी कर ली.
लगातार दूसरी बार तेजस्वी साझा प्रेस कांफ्रेंस से गायब रहे
इससे पहले 27 अगस्त को लोकसभा चुनाव के बाद पहली दफे महागठबंधन की बैठक हुई थी. बैठक तेजस्व यादव के घर पर हुई. बैठक के बाद जब सभी दलों के नेता मीडिया से बात करने आये तो तेजस्वी घर के अंदर ही रह गये. उन्होंने अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे को उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी और मदन मोहन झा के साथ भेज दिया. तभी ये सवाल ये उठा था कि क्या तेजस्वी अपनी सहयोगी पार्टी के नेताओं को अपने प्रदेश अध्यक्ष के स्तर का समझ रहे हैं.
साझा प्रेस कांफ्रेंस की मांझी ने भी खोल दी पोल
वैसे तेजस्वी यादव ही नहीं बल्कि जीतन राम मांझी ने भी आज साझा प्रेस कांफ्रेंस की पोल खोल दी. जीतन राम मांझी ने इस प्रेस कांफ्रेंस में अपनी के एक सचिव को भेज दिया. उन्हें पहचान पाना भी महागठबंधन के दूसरे नेताओं के लिए मुश्किल हो रहा था.
ऐसे ही चलायेंगे भाजपा के खिलाफ अभियान
इस प्रेस कांफ्रेंस में नेतृत्व का भी मसला उठा. सवाल उठा कि महागठबंधन का नेता कौन होगा. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि ये हमने तय नहीं किया है और समय आने पर इसे तय करेंगे. ये राजद के एलान का ठीक उल्टा बयान था. राजद पहले ही कह चुका है कि महागठबंधन के नेता तो तेजस्वी यादव ही होंगे और जिन्हें तेजस्वी से परहेज हैं वे महागठबंधन छोड़ कर चले जायें. सवाल ये है कि क्या ऐसे ही महागठबंधन नीतीश कुमार और भाजपा के खिलाफ साझा लड़ाई लडेगा.