GOPALGANJ: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के मामा साधु यादव आज गोपालगंज के कोर्ट में गिड़गिड़ाने लगे- हुजूर, पहली गलती है माफ कर दीजिये. कई बीमारी से परेशान हैं. अभी भी दोनों आंख का ऑपरेशन कराये हैं. अब ऐसी गलती कभी नहीं करेंगे.
ये वाकया गोपालगंज में सीजेएम मानवेंद्र मिश्र की अदालत में हो रहा था. आचार संहिता उल्लंघन के मामले में साधु यादव कोर्ट में पेश हुए थे. सरकार की तरफ से पेश वकील ने साधु यादव को कड़ी सजा देने की गुहार कोर्ट से लगायी थी. लेकिन साधु यादव गिड़गिड़ा रहे थे. वैसे कोर्ट पर इसका असर हुआ. कोर्ट ने उन्हें जेल की सजा देने के बजाय एक हजार का अर्थदंड दिया. लेकिन इस शर्त पर कि आगे से ऐसी गलती नहीं होगी. जुर्माना नहीं भरने पर साधु यादव को 6 महीने के जेल की सजा भुगतनी होगी.
मामला 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव का है. साधु यादव गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार थे. गोपालगंज सदर के अंचलाधिकारी ने 16 अक्टूबर 2020 को साधु यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि अनिरूद्ध प्रसाद यादव उर्फ साधु यादव ने बिना प्रशासन की अनुमति लिए हजियापुर से मौनिया चौक तक जुलूस निकाला था और प्रदर्शन किया था. इसमें 300 से 400 लोग शामिल थे. साधु यादव के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था.
2021 में 4 जून को गोपालगंज कोर्ट ने साधु यादव के खिलाफ दर्ज मामले का संज्ञान लिया था. आज इस मामले की आखिरी सुनवाई थी. अदालत ने अनिरूद्ध प्रसाद यादव उर्फ साधु यादव से जवाब मांगा तो उन्होंने अपने अपने दोष को स्वीकार किया. साधु यादव ने कोर्ट से कहा कि उनका आदर्श आचार संहिता का यह पहला अपराध है तथा भविष्य में इस तरह की किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे. हमेशा कानून का पालन करेंगे और एक जिम्मेदार नागरिक की तरह व्यवहार करेंगे.
साधु यादव ने कोर्ट से कहा कि आचार संहिता उल्लंघन और प्रशासन के आदेश को नहीं मामले का यह उनका पहला अपराध है. ऐसे में कोर्ट को प्रथम अपराध पर सहानुभूतिपूर्वक, दयापूर्वक विचार करते हुए माफ कर देना चाहिये. साधु यादव ने ये भी कहा कि वे कई गम्भीर रोगों से ग्रस्त हैं. अभी एक सप्ताह पहले ही दोनों आंख का ऑपरेशन करवाया है.
हालांकि सरकार के वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि साधु यादव पूर्व सांसद हैं और उनसे कानून के पालन की विशेष अपेक्षा की जाती है. वे जनता के प्रतिनिधि हैं. अगर ऐसे लोग ही कानून का उल्लंघन करेंगे तो आम लोगों पर गलत असर पड़ेगा. आम जनमानस में उनके कार्य से अच्छा संदेश नहीं गया है, उन्होंने प्रशासन के आदेश का उल्लंघन किया है. लिहाजा उन्हें सजा दी जाए.
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अभियुक्त अनिरूद्ध प्रसाद यादव उर्फ साधु यादव को भारतीय दंड संहिता की धारा-188 के अंतर्गत दोषी पाते हुए एक हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनायी. अर्थदण्ड की राशि का भुगतान नहीं करने पर उन्हें 6 महीने के कारावास की सजा भुगतनी होगी.