पूर्व IPS अधिकारी पर भड़के तेज प्रताप, पटना के सचिवालय थाने में दर्ज कराया FIR बिहार में VVIP गाड़ियों पर TOLL TAX खत्म, परिवहन विभाग ने जारी किया यह निर्देश विधानसभा सत्र के बीच यूरोप चले गए तेजस्वी यादव? शिवानंद तिवारी के आरोप से बिहार की सियासत गरमाई, कहा...मैदान छोड़ दिया मंदिरों की तरह मदरसों और मस्जिदों में भी लगाए जाएं CCTV कैमरे, संसद में बोले रामायण के ‘राम’ जमुई में बालू का अवैध खनन जारी, प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल CHAPRA: ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से छपरा के लाल की मौत, गुजरात पुलिस में थे तैनात कमरिया गोले-गोले-गोले-डोले राजा जी: शराब की बोतल और डांसर का जलवा, नगर निगम के डिप्टी मेयर का वीडियो वायरल एयरपोर्ट निर्माण पर ग्रहण: केंद्र सरकार ने बिहार के इस जिले में हवाई अड्डा बनाने से किया इनकार, सामने आई यह बड़ी वजह एयरपोर्ट निर्माण पर ग्रहण: केंद्र सरकार ने बिहार के इस जिले में हवाई अड्डा बनाने से किया इनकार, सामने आई यह बड़ी वजह Bihar Bhumi: बिहार में जमीन की ई-मापी की निगरानी होगी सख्त, समीक्षा बैठक में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने अमीनों के कार्य की मांगी रिपोर्ट
1st Bihar Published by: Updated Tue, 23 Feb 2021 03:53:43 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कर्मचारियों के एक बड़े मामले को सदन में उठाया. तेजस्वी यादव ने सदन में सरकार से पूछा कि 50 साल में जबरन रिटायरमेंट का नियम कानून हम राजनेताओं पर लागू क्यों नहीं है. इस नियम के मुताबिक राज्य के मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और यहां तक की नेता प्रतिपक्ष को भी जबरदस्ती रिटायर कर देना चाहिए.
दरअसल बिहार में 50 साल से अधिक उम्र के वैसे कर्मियों को हटाने का एलान किया गया है, काम करने में सक्षम नहीं हैं. नियम के मुताबिक इन कर्मियों की सत्यनिष्ठा, कार्य दक्षता और आचार की समीक्षा साल में दो बार होगी. कहीं कोई कमी पाई जाती है तो अनिवार्य सेवानिवृति पर भेज दिया जाएगा. 50 वर्ष से ऊपर के सरकारी सेवकों के कार्यकलापों की समीक्षा के लिए समिति का गठन कर दिया गया है.
बिहार में 50 साल से अधिक उम्र वाले कर्मियों को रिटायरमेंट की उम्र तक नौकरी करने के लिए खुद को काम के लायक बनाए रखना होगा और इसे हर साल दो बार साबित भी करना होगा. अगर वे ऐसा करने में सक्षम नहीं रहे तो सरकार उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर भेज देगी. राज्य सरकार ने इस कार्य के लिए दो अलग-अलग कमेटियों को गठित किया है. पहली कमेटी में तीन लोग और दूसरी कमेटी में चार लोग शामिल होंगे.गृह विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में इस कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी समूह क वाले अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा करेगी.
विधानसभा में बोलते हुए तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लया और कहा कि "इतनी लुंजपुंज सरकार बिहार के इतिहास में कभी नहीं बनी है. सीएम नीतीश कुमार अनुकंपा पर सीएम बने हैं. मुझे जो कुछ कहा जा रहा है वो मेरे लिए अशीर्वचन हैं." सरकार की योजनाओं पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि 7 निश्चय में सिर्फ भ्रष्टाचार है. हम राजनीति करते हैं हम किसी के व्यतिगत दुश्मन नहीं. जनता की आवाज हम उठा रहे हैं. 80 फीसदी स्कूलों में प्रधानाध्यापक नही हैं. 2.5 लाख शिक्षा विभाग में पद खाली हैं, जो पार्टी आत्मनिर्भर अभियान चला रही है, वो बिहार में आत्मनिर्भर हो जाये.
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि सरकार सिर्फ घोषणा करना जानती है. पेपर पर सरकार चल रही है. केंद्र से बिहार को जो विशेष पैजेक मिला उसकी जानकारी सरकार सदन पटल पर रखे. बिहार को विशेष दर्जा क्यों नहीं मिला. चुनाव में हमारा मुख्य एजेंडा बेरोजगारी का था. बिहार में शिक्षा चौपट है. अस्पताल बदहाल हैं. विधान सभा मे 200 सीटों की नौकरी पर 5.5 लाख आवेदन आये. यह सरकार की विफलता है.
तेजस्वी ने कहा कि सभी ज्ञान सिर्फ सीएम नीतीश कुमार को है. विपक्ष और जनता को क, ख, ग, घ का ज्ञान नहीं. बिहार में पेपर लीक कैसे हुआ इस पर कार्रवाई नहीं हुई. हमने मामले को सरकार के संज्ञान में लाया. बिहार में 101 प्रतिशत क्राइम रेट बढ़ा है.