प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी ने फाड़ी बिहार सरकार की चिट्ठी, कहा- नीतीश कुमार सामने आकर माफी मांगे

 प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी ने फाड़ी बिहार सरकार की चिट्ठी, कहा- नीतीश कुमार सामने आकर माफी मांगे

PATNA : प्रवासी मजदूरों को लेकर बिहार के पुलिस मुख्यालय के पत्र से नाराज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भरे प्रेस कांफ्रेंस में राज्य सरकार की चिट्ठी फाड़ दी. तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों को शर्मसार कर दिया है. अगर नीतीश कुमार में थोड़ी भी शर्म बची है तो वे जनता के सामने आयें और माफी मांगे. नीतीश कुमार के मांफी मांगे बिना बिहार के गरीबों-मजदूरों के दर्द पर मरहम नही लगने वाला है.


दरअसल तेजस्वी यादव आज प्रेस कांफ्रेंस में बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी उस पत्र को लेकर बैठे थे जिसमें प्रवासी मजदूरों को लॉ एंड आर्डर के लिए खतरा बताया गया था. उन्होंने कहा कि ये इंसानियत को शर्मसार करने वाला पत्र है.ये नीतीश कुमार की मंशा को बतलाता है. नाराज तेजस्वी यादव ने बिहार पुलिस मुख्यालय के पत्र को फाड़कर फेंक दिया. पत्रकारों ने पूछा कि आप इतने गुस्से में क्यों हैं. तेजस्वी बोले-अब गुस्सा नहीं होगा तो कब होगा, जिसके अंदर भी इंसानियत होगी उसके अंदर गुस्सा होना स्वाभाविक है. ये बिहार सरकार अपने ही लोगों को क्रिमिनल बोल रही है.

गलती मानने वाला पत्र दिखावा
तेजस्वी ने कहा कि बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी दूसरा पत्र दिखावा है. बिहार पुलिस ने जिन मजदूरों को पीटा है, जिन्हें प्रताडित किया है. उनके दर्द पर ये भूल वाला पत्र मरहम लगा देगा. तेजस्वी ने कहा कि माफी मांगना है तो नीतीश कुमार खुद आकर माफी मांगें. उनके माफी मांगे बगैर वे शांत होने वाले नहीं है.



मजदूरों को मिले एकमुश्त 10 हजार रूपये
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज नीतीश कुमार को प्रवचन देना बंद कर गरीबों की मदद करने को कहा. तेजस्वी यादव ने सरकार से बिहार लौटने वाले हर मजदूर को एक मुश्त 10 हजार रूपये देने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना संकट के कारण मजदूरों का तीन महीना बर्बाद हो गया है. अगले तीन महीने भी उन्हें काम नहीं मिलने जा रहा है. ऐसे में बिहार सरकार उन तमाम मजदूरों को एक मुश्त 10 हजार रूपये की मदद देनी चाहिये. तेजस्वी ने कहा कि बिहार लौटने वाले 40 लाख मजदूरों को अगर 10-10 हजार रूपये दिये जायें तो सरकार पर सिर्फ 4 हजार करोड़ का बोझ आयेगा. बिहार के मुख्यमंत्री जल-जीवन-हरियाली पर 25 हजार करोड़ रूपये खर्च करने का एलान कर रहे हैं. क्या वे भूखे मर रहे बिहारी मजदूरों पर 4 हजार करोड़ नहीं खर्च कर सकते.



तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सरकार को विधानमंडल का विशेष सत्र बुला कर तत्काल कोरोना संकट पर चर्चा करनी चाहिये. सरकार को अपने तमाम गैरजरूरी खर्च को बंद कर देने और गरीबों की मदद के लिए हर संसाधन झोंक देने का फैसला लेना चाहिये. तेजस्वी ने कहा कि बिहार में बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता मिलता था. नीतीश कुमार और बीजेपी के राज में बेरोजगारी भत्ता मिलना बंद हो गया. ऐसे तमाम बेरोजगारों को तत्काल बेरोजगारी भत्ता देना चाहिये.