PATNA : बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय के भाई हंसलाल राय के स्कूल से शराब बरामदगी के मामले में तेजस्वी यादव ने नया खुलासा किया है. तेजस्वी यादव ने इस मामले को लेकर लिखी गई पुलिस की डायरी को पढ़ते हुए कहा कि इस मामले में मंत्री जी के भगिना पर भी केस किया गया है. जब उनके भाई और भगिना पर केस किया गया तो पांच महीना होने के बाद भी उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया.
इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने कहा कि 1 अप्रैल को बिहार में शराबबंदी लागू की गई थी. इस साल एक अप्रैल को शराबबंदी के पांच साल पूरे हो जाएंगे. हम सीएम को कहते हैं कि यदि इस एक अप्रैल तक मंत्री के भाई और भगिने को इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया तो सीएम आवास में एक ठेका खोल लें. इसके साथ ही साथ सारे मंत्री के घर में एक-एक ठेका खोलवा दें. फिर उनके द्वारा की गई शराबबंदी सही मायने में लागू मानी जाएगी और गांधी जी भी यह देखकर खुश हो जाएंगे.
तेजस्वी यादन ने कहा कि मंत्री ने सब को गुमराह करने का काम किया है. मंत्री जी के भाई का ही स्कूल है. मेरे पास पुलिस डायरी है और डायरी में स्पष्ट लिखा है कि परिसर के मालिक मंत्री जी के भाई हंसलाल राय हैं और इस मामले में पुलिस ने जो पिकअप बरामद किया है वह भी मंत्री जी के भाई का है. इस मामले में मंत्री जी के भगिना भी आरोपी हैं. तो फिर गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है. अभी तक उनके परिसर में थाना क्यों नहीं खोला गया . यह सीएम की कैसी दोहरी नीति है जो मंत्री के लिए अलग और आम आदमी के लिए अलग. तेजस्वी यादव ने कहा कि पिछले दिनों अमरेंद्र कुमार के भाई हमसे मिले थे, मेरे प्रेस कांफ्रेंस करने के बाद मंत्री का भतीजा जाकर अमरेंद्र के परिवार के लोगो को धमकी दिए थे.
तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार को ओपेन चैलेंज करते हुए कहा है कि एक सप्ताह के अंदर अगर मंत्री के भाई और भगिना को गिरफ्तार नहीं किया गया तो राजद सहित पूरा महागठबंधन सीएम आवास का घेराव करेगा. इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने बिहार के लोगों से अपील कि है कि अगर मंत्री के भाई के परिसर में थाना नहीं खोला गया तो वैसे लोग सीएम पर केस करें, जिनकी संपत्ति शराबबंदी कानून के तहत जब्त की गई है.
तेजस्वी यादव ने मंगलवार को बिहार विधानसभा में मंत्री राम सूरत राय की तरफ से खानदान को लेकर दिए गए बयान को लेकर कहा कि मैं वैसी ओछी बाते नहीं करता. लेकिन यह तो सीएम और डिप्टी सीएम को सोचना चाहिए कि एक मंत्री विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के खानदान को चुनौती देते रहे और वह उन बातों को सुनते रहे.