PATNA : कोरोना काल में सरकार की तरफ से विधायक फंड की राशि में कटौती किए जाने के मसले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तेजस्वी की तरफ से लिखा गया यह तीसरा पत्र है। बिहार सरकार ने इस बार विधायक फंड से 2 करोड़ की राशि कटौती करने का फैसला किया। विधायकों और विधान पार्षदों को अपनी अनुशंसा पर अब केवल एक करोड़ की राशि खर्च करने का अधिकार दिया गया है। ऐसे में तेजस्वी यादव लगातार सवाल उठा रहे हैं कि आखिर विधायकों के साथ सरकार हकमारी क्यों कर रही है? कोरोना उन्मूलन के नाम पर अगर सरकार ने विधायक फंड से 2 करोड़ की राशि काटी है तो इसके खर्चे को लेकर पारदर्शिता क्यों नहीं बढ़ती जा रही है? पिछले दिनों तेजस्वी यादव ने इसे लेकर नीतीश कुमार को पत्र लिखा था। जिसके जवाब में सरकार की तरफ से वरिष्ठ मंत्री और योजना एवं विकास विभाग का जिम्मा संभालने वाले विजेंद्र प्रसाद यादव ने जवाब दिया था। सरकार की तरफ से तेजस्वी को जवाब दिया गया था कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत सरकार जब चाहे तब विधायकों के अनुशंसा वाली राशि में से कटौती कर सकती है।
अब तेजस्वी यादव ने सरकार के इसी जवाब के बाद वापस मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। तेजस्वी यादव ने कहा है कि योजना एवं विकास विभाग के मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव की तरफ से मेरे पत्र का जवाब दिया गया। उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना निधि पूर्व के विधायक ऐच्छिक कोष योजना से अलग है। यह बात सबको मालूम है लेकिन मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना निधि का उपयोग क्षेत्रीय असंतुलन को कम करने के उद्देश्य से होना चाहिए। तेजस्वी ने कहा है कि राज्य के दो तीन बड़े शहरों तक ही सीमित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध है और बाकी ग्रामीण इलाकों और कस्बों में स्वास्थ्य सुविधाएं नगण्य हैं। इसी असंतुलन को दूर कर राज्य के सभी क्षेत्र की गरीब जनता को कोविड-19 से बचाने उन्हें स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए मैंने मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना निधि को राज्य के सभी विधायकों के द्वारा संबंधित विधानसभा क्षेत्र के लिए अनुशंसित करने की बात कही थी। तेजस्वी ने कहा है कि विधायक अपने क्षेत्र में अगर राशि की अनुशंसा करेंगे तो इसका फायदा शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों के लोगों को मिलेगा जबकि सरकार की तरफ से कोरोना उन्मूलन के नाम पर केवल कुछ क्षेत्र विशेष में ही स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है।
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना महामारी और कितने दिन चलेगी यह निश्चित है। इसलिए हम चाहते हैं कि राज्य के ग्रामीण स्तर तक स्वास्थ्य संरचना और व्यवस्था खड़ी की जाए। तेजस्वी ने अपने पत्र में बताया है कि राज्य सरकार कैसे स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तय किए गए बजट की राशि भी खर्च नहीं कर पा रही है। विधायकों और विधान पार्षदों का अपने क्षेत्र की जनता के प्रति जवाबदेही होती है ऐसे में अगर सरकार उनके फंड में कटौती करेगी तो जनता के बीच विधानमंडल सदस्यों के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी। तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को कोट करते हुए लिखा है कि ना तो स्वास्थ्य मंत्री और ना ही राज्य के जिला प्रभारी मंत्री अपने उत्तरदायित्व को निभाते दिख रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में अगर विधायक अपने अपने क्षेत्र की व्यवस्था आवश्यकतानुसार पूरी करें तो जनता को काफी मदद मिल पाएगी। सरकार अपने इस फैसले से विधायकों के हाथ बांध रही है। विधायक अगर जनता की मदद नहीं कर पाएंगे तो बड़ी समस्या पैदा हो जाएगी। तेजस्वी यादव और सरकार के सामने विधायक फंड को लेकर सीधे मोर्चा खोले बैठे हैं। पिछले दिनों तेजस्वी के सवालों का मंत्री विजेंद्र यादव और मंगल पांडे ने जवाब दिया था। अब देखना होगा कि तेजस्वी के इस नए लेटर का जवाब सरकार कैसे देती है।