DELHI : बिहार विधानसभा के अगले चुनाव में तेजस्वी यादव को सीएम पद का दावेदार मानने के लिए कांग्रेस आरजेडी के सामने मोटी मांग रखने की तैयारी में है. कांग्रेस सीट शेयरिंग में 60 सीटों पर अपनी दावेदारी पेश करने जा रही है. दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में ऐसी सीटों की पहचान कर ली गयी है जिस पर पार्टी अपनी दावेदारी पेश करने जा रही है.
कांग्रेस की दावेदारी
कांग्रेस के एक वरीय नेता ने बताया कि उनकी पार्टी बिहार चुनाव की जमीनी हकीकत को समझ रही है. कांग्रेस से तालमेल किये बगैर आरजेडी के लिए सत्ता में आना या तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने का सपना पूरा कर पाना संभव नहीं है. ऐसे में कांग्रेस इस मौके का लाभ उठाने से पीछे नहीं रहेगी. पार्टी 243 में 60 सीटों पर अपनी दावेदारी पेश करने जा रही है. उन सीटों की पहचान कर ली गयी है.
कांग्रेस के एक और नेता ने बताया कि आरजेडी के बार बार एलान करने के बावजूद उनकी पार्टी ने अब तक तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं माना है. सार्वजनिक तौर पर पार्टी के किसी नेता ने RJD की दावेदारी का समर्थन नहीं किया है. ऐसा रणनीति के तहत किया जा रहा है. कांग्रेस को तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानने में कोई एतराज नहीं है लेकिन उसके बदले कीमत चाहिये. पार्टी ऐसी 60 सीटों की पहचान कर चुकी है जहां उसे लग रहा है कि वो चुनाव जीत सकती है. आरजेडी से सीट शेयरिंग में उन सीटों पर दावेदारी पेश की जायेगी.
अगले महीने होगी बातचीत
कांग्रेस के नेताओं के मुताबिक उनकी पार्टी ने बिहार चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. लेकिन गठबंधन पर बातचीत अगले महीने की जायेगी. अगले महीने आरजेडी के नेताओं के साथ कांग्रेस के नेताओं की बातचीत होगी जिसमें सीट शेयरिंग पर चर्चा होगी. कांग्रेस चाह रही है कि सीट शेयरिंग का मामला समय से पहले सुलझा लिया जाये ताकि बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के खिलाफ सही तरीके से चुनाव लड़ा जाये.
गौरतलब है कि 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आरजेडी और जेडीयू के साथ तालमेल कर चुनाव लडा था. गठबंधन में कांग्रेस को 41 सीटें मिली थी जिनमें 27 पर पार्टी ने जीत हासिल की थी. वहीं आरजेडी को 101 में से 80 और नीतीश कुमार की पार्टी को 101 में से71 सीटें मिली थीं. पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन के आधार पर कांग्रेस ने 60 सीटों की पहचान की है, जिन पर उसे अपनी स्थिति मजबूत दिख रही है. 60 सीटों पर अपनी दावेदारी के पक्ष में कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव का भी हवाला देगी. दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आरजेडी के लिए चार सीटें छोड़ी थीं. जबकि दिल्ली में आरजेडी का पहले से कोई जनाधार नहीं था. लेकिन बिहार चुनाव को ध्यान में रखकर ही कांग्रेस ने आरजेडी को चार सीटें दी थी.
तेजस्वी की दावेदारी पर कांग्रेस के कई नेताओं का विरोध
उधर कांग्रेसी नेताओं का एक तबका तेजस्वी प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित करने के खिलाफ है. कांग्रेस के वरीय नेता किशोर कुमार झा कह रहे हैं कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार का नाम चुनाव के बाद करना चाहिये. किशोर कुमार झा ने कहा कि अगर महागठबंधन चुनाव से पहले ही तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित कर देता है तो सवर्ण वोटर पहले ही नाराज हो जायेंगे. उनके पास बीजेपी-जेडीयू के गठबंधन को समर्थन देना मजबूरी हो जायेगी. NDA को इसका फायदा मिलने से रोकने के लिए महागठबंधन को रणनीति बना कर काम करना होगा.
कांग्रेसी नेता किशोर झा आरजेडी के साथ सीट शेयरिंग में बराबर का बंटवारा करने की भी मांग कर रहे हैं. उनके मुताबिक कांग्रेस को आरजेडी से कम से कम 100 सीटें लेनी चाहिये. किशोर झा ने कहा “अगर आरजेडी के साथ कांग्रेस का गठबंधन टूट भी जाता है तो कांग्रेस के लिए खोने के लिए कुछ भी नहीं है. गठबंधन नहीं होने का खामियाजा आरजेडी को ही भुगतना होगा. ऐसे में कांग्रेस को मजबूती से 100 सीटें मांगनी चाहिये.”