PATNA : क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजद नेता तेजस्वी यादव के सहारे बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. ट्वीटर पर आज नीतीश और तेजस्वी के बीच संवाद का मतलब यही निकाल कर आ रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती के एक दिन बाद उन्हें भारत रत्न देने की मांग को लेकर सियासत शुरू हुई और फिर नीतीश ने इशारों में बीजेपी को कठघरे में खड़ा कर दिया. दिलचस्प बात ये भी है कि पहली दफे नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को ट्वीटर पर जवाब दिया. अचानक शुरू हुई इस सियासत के कई मतलब निकाले जा रहे हैं.
ट्वीटर पर नीतीश-तेजस्वी संवाद
रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती थी. अगले दिन यानि आज तेजस्वी यादव ने शाम चार बजकर चार मिनट पर ट्वीट किया. “जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देने की हमारी पुरानी माँग है. लेकिन बिहार से NDA के 40 में से 39 सांसद होने के बावजूद ड़बल इंजन सरकार जननायक को भारत रत्न क्यों नहीं दे रही है? क्या इसलिए कि वो वंचित समूह से संबंध रखते है? CM इसके लिए विशेष रूप से PM से क्यों नहीं मिलते?”
20 मिनट में नीतीश ने दे दिया जवाब
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव तकरीबन हर रोज ट्वीटर के सहारे नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर हमला बोलते हैं. नीतीश कुमार उन पर सोशल मीडिया के सहारे झूठ बोलने का भी आरोप लगाते रहे हैं. लेकिन आज पहली दफे नीतीश कुमार ने उन्हें जवाब दिया. वह भी 20 मिनट के भीतर. 4 बजकर 24 मिनट पर नीतीश ने ट्वीटर पर ही तेजस्वी यादव को जवाब दिया. ”हमने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने के लिए अपनी अनुशंसा केन्द्र सरकार को पहले ही भेज दी है. इससे पहले भी वर्ष 2007, 2017, 2018 एवं 2019 में भारत रत्न के लिए इनके नाम की अनुशंसा की गई थी. हमारी ख्वाईश है कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से विभूषित किया जाय.”
नीतीश कुमार का ट्वीट हैरान करने वाला था. अभी तक उन्होंने कभी ट्वीटर पर तेजस्वी यादव को जवाब नहीं दिया था. लेकिन आज सिर्फ 20 मिनट में ही जवाब दे दिया. सियासी जानकार इसके मायने बता रहे हैं. दरअसल तेजस्वी के सहारे नीतीश कुमार ने अलग ही दांव चला है. उनकी निगाहें कहीं और थी और निशाना कहीं और.
बीजेपी पर नीतीश का हमला
नीतीश ने अपने ट्वीट में लिखा कि उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की अनुशंसा केंद्र सरकार को भेज दी है. इससे पहले भी 2017, 2018 और 2019 में केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजकर कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की थी. नीतीश ने गिनवाया कि नरेंद्र मोदी के राज में उन्होंने चार दफे केंद्र सरकार से कर्पूरी को भारत रत्न देने की मांग की है और उनकी नहीं सुनी गयी. नीतीश कुमार ने अपने ट्वीट से बीजेपी को कठघरे में खड़ा कर दिया.
अति पिछड़ा वोट बैंक की लड़ाई
मामला अति पिछड़ा वोट बैंक का है. बिहार में यही वोट बैंक जिन्न माना जाता है. बीजेपी की निगाहें इसी वोट बैंक पर है, लिहाजा बिहार में बीजेपी के दोनों डिप्टी सीएम इसी तबके से बनाये गये हैं. 2005 के बाद बिहार में अति पिछ़ड़ा तबका नीतीश कुमार का वोट बैंक माना जाता रहा है. लेकिन नीतीश समझ रहे हैं कि बीजेपी उनके इसी वोट बैंक पर चोट कर रही है. कर्पूरी ठाकुर अति पिछड़ा राजनीति के ही प्रतीक माने जाते हैं. उनके मुख्यमंत्री काल में ही अति पिछड़ा तबके के लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था की गयी थी.
अब नीतीश कुमार ये कह रहे हैं कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के लिए उन्होंने बीजेपी की नरेंद्र मोदी सरकार से चार दफे मांग की, लेकिन बीजेपी सुन ही नहीं रही है. शायद वे अति पिछड़े तबके को ये मैसेज देना चाहते हैं कि उनके नेता को भारत रत्न नहीं देने के लिए बीजेपी जिम्मेवार है. वही बीजेपी बिहार में अति पिछड़ों की राजनीति कर रही है. जबकि अति पिछड़ों की सियासत के चैंपियन तो नीतीश कुमार हैं.
वैसे पहले भी तेजस्वी के सहारे नीतीश कुमार ने बीजेपी पर हमला किया है. देश में जब सीएए और एनआरसी को लेकर सियासत गर्म थी तो नीतीश कुमार ने तेजस्वी से बात कर बिहार विधानसभा से प्रस्ताव पारित करा लिया. बीजेपी मुंह देखती रह गयी थी. अब यही माना जा रहा है कि अति पिछड़ों की सियासत के लिए उन्होंने फिर से तेजस्वी का सहारा लिया है.
ये दीगर बात है कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न के मामले में नीतीश के जवाबी ट्वीट के बाद तेजस्वी ने उन पर फिर से निशाना साध दिया. तेजस्वी ने ट्वीट कर पूछा “जननायक कर्पूरी जी को भारत रत्न के लिए मैंने 4:04 PM पर ट्वीट किया। CM ने 4:24 पर दिखावटी जवाब दिया. अगर वास्तव में कर्पूरी जी को भारत रत्न दिलाने की नीतीश जी की ख्वाहिश है तो क्या इस माँग पूर्ति के लिए वो हमारे साथ राष्ट्रपति के सामने परेड़ में सम्मिलित होंगे? अन्यथा वो पहल करें”