PATNA : बिहार के सियासी गलियारे से इस वक्त की बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल भले ही तेजस्वी यादव को सीएम कैंडिडेट के रूप में आगे कर चुनाव लड़ने की बात कर रहा हो, लेकिन अब तेजस्वी के नेतृत्व के खिलाफ महागठबंधन में शामिल दूसरे घटक दल लामबंद होने लगे हैं। तेजस्वी से अलग महागठबंधन का नेतृत्व शरद यादव के हाथों में जाए इसे लेकर आरजेडी के सहयोगी दल रणनीति बना रहे हैं।
शरद यादव के साथ इस वक्त राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी एक अहम बैठक कर रहे हैं. पटना के होटल चाणक्य में शरद यादव के साथ ये नेता बंद कमरे के अंदर मुलाकात कर रहे हैं। माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की क्या रणनीति हो इसको लेकर चर्चा हो रही है।
आपको बता दें कि जनता दल यूनाइटेड से अलग होने के बाद शरद यादव ने अपने संरक्षण में लोकतांत्रिक जनता दल का गठन कराया था, लेकिन उन्होंने लोकसभा का चुनाव खुद राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर लड़ा। लोकसभा चुनाव के पहले लालू यादव ने शरद को भरोसा दिया था कि आम चुनाव के बाद उनकी पार्टी का आरजेडी में विलय कर दिया जाएगा। लेकिन लोकसभा चुनाव में मुंह की खाने के बाद लालू और आरजेडी ने शरद को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। अब शरद यादव एक बार फिर से बिहार चुनाव के पहले अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं। शरद यादव के नेतृत्व को लेकर उपेंद्र कुशवाहा, मुकेश साहनी और जीतन राम मांझी सकारात्मक हैं। चर्चा है कि बंद कमरे में बैठक के दौरान मुकेश सहनी ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल उठा दिए हैं। कुशवाहा पहले ही शरद को आगे कर चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं। ऐसे में अब तेजस्वी को विरोधियों से ज्यादा सहयोगियों से ही चुनौती मिलने वाली है।