DELHI :आम बजट में टैक्स को लेकर सरकार ने बड़ा एलान किया है। सरकार ने टैक्स पॉलिसी के सरलीकरण का एलान किया है। सरकार ने अपने सेक्टर के तहत पांच से साढ़े सात लाख तक वाली आमदनी करके वाले लोगों को 15 फ़ीसदी टैक्स देने की नीति घोषित की है.सरकार में 5 लाख की आमदनी वाले लोगों के लिए राहत जारी रखते हुए टैक्स पर छूट देने का ऐलान किया है. 5 लाख तक आमदनी वाले लोगों को पहले भी कोई टैक्स नहीं देना पड़ता था आगे भी उनके लिए यह राहत जारी रहेगी. नई टैक्स व्यवस्था के तहत इसमें कोई डिडक्शन शामिल नहीं होगा, जो डिडक्शन लेना चाहते हैं वो पुरानी दरों से टैक्स दे सकते हैं. यानी कि टैक्सपेयर्स के लिए वैकल्पिक व्यवस्था होगी. करदाता पुराने तरीके से भी दे सकेंगे टैक्स.
इंडिविजुअल्स के लिए नई इनकम टैक्स व्यवस्था के तहत 5 लाख रुपए से 7.5 लाख की आय पर 20% की बजाय 10% टैक्स. 7.5 लाख से 10 लाख इनकम पर अब 15% टैक्स लगेगा. 10 से 12.5 लाख रुपये आय पर 20% टैक्स, 12.5 से 15 लाख रुपये सालाना आय वालों को 25% टैक्स देना होगा. 15 लाख रुपये से ज्यादा कमाई वालों को 30 प्रतिशत टैक्स चुकाना होगा.टैक्स स्लैब में सरकार की तरफ से या बड़ा बदलाव किया गया है.वहीं सरकार ने ऐलान किया है कि नई कंपनियों के लिए टैक्स में रियायत के नीति जारी रहेगी। निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इससे सरकार को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है लेकिन बावजूद इसके सरकार इस कदम पर आगे बढ़ती रहेगी। सरकार ने फैसला किया है कि करदाताओं के लिए एक टेक्स्ट चार्टर बनाया जाएगा। टैक्सपेयर को किसी भी तरह की परेशानी से दूर रखना सरकार का मकसद है। टैक्स देने वाले लोगों को परेशानी न हो इसके लिए टैक्स पेयर चार्टर का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए सरकार सिविल नेचर के क्रिमिनल कानूनों में सुधार भी करेगी। टैक्स पेयर को परेशानी न हो इसके लिए सरकार राष्ट्रीय रिक्रूटमेंट एजेंसी का गठन करेगी।
बता दें कि फिलहाल 2.50 लाख से 5 लाख तक की आमदनी पर 5 फीसदी टैक्स लगता है। 5 से 10 लाख पर 20 फ़ीसदी और 10 लाख से ज्यादा की आमदनी पर 30 फ़ीसदी की दर से टैक्स देना पड़ता है। हालांकि सरकार ने 5 लाख तक की आमदनी वालों को 12500 तक की छूट दी थी यानी 5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना था।