DELHI: निजामुद्दीन में मरकज से तबलीगी जमात के लोगों को निकालने में लगे 14 पुलिसकर्मियों को क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि जवानों को कोरोना के संदिग्ध होने की आशंका को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. जिससे संक्रमण को रोका जा सके. मरकज के इमारत में लॉकडाउन के बाद भी करीब दो हजार तबलीगी जमात के लोग जुटे हुए थे. इनलोगों को निकालने के लिए ऑपरेशन मरकज चलाया गया था. इस ऑपरेशन में ये 14 जवान भी शामिल थे.
खाली कराने के लिए पहुंचे थे डोभाल
निमाजुद्दीन के पास मौजूद मरकज को खाली कराने में काफी मुश्किलों का सामने करना पड़ा था. मस्जिद के मौलाना साद खाली करने को तैयार नहीं थे. इसको लेकर दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां बात कर रही थी. लेकिन नहीं माने तो तब रात 31 मार्च की रात 2 बजे डोभाल मनाने के लिए पहुंचे. तब जाकर मस्जिद को खाली कराया गया था. गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से आग्रह किया कि वह जमात को मस्जिद खाली करने के लिए राजी करें.
तजाम के लोग कई राज्यों में कोरोना लेकर गए
बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज से कोरोना का संक्रमण फैला. लॉकडाउन के बाद दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में 2 हजार लोग ठहरे हुए थे. इस जमात में बड़ी तादाद में विदेशी भी शामिल थे. इनमें ज्यादातर मलेशिया और इंडोनेशिया के नागरिक शामिल थे. इस जमात में शामिल मलेशिया की युवती झारखंड पहुंची थी. जो कोरोना पॉजिटिव मिली. इसे अलावे आंध्रप्रदेश में इस जमानत में शामिल हुए 6 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. इस जमात में शामिल हुए सैकड़ों लोगों को कोरोना संदिग्ध पाया गया है. इस जमात में शामिल लोग कई राज्यों में गए. जिससे कोरोना का संक्रमण फैला.