स्वास्थ्य विभाग का आई कार्ड पहनकर शराब की तस्करी करने वाला युवक गिरफ्तार, भारी मात्रा में देसी शराब बरामद

स्वास्थ्य विभाग का आई कार्ड पहनकर शराब की तस्करी करने वाला युवक गिरफ्तार, भारी मात्रा में देसी शराब बरामद

GOPALGANJ: बिहार में सात साल से पूर्ण शराबबंदी लागू है इसके बावजूद ना तो पीने वाले अपनी आदतों से बाज आ रहे हैं और ना ही शराब बेचने वाले ही सुधरने का नाम ले रहे हैं। ऐसा लगता है कि पुलिस डर खत्म हो गया है। शराब की तस्करी के लिए धंधेबाज आज भी तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं और पुलिस की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं। वही पुलिस की तत्परता से ऐसे कई धंधेबाज पकड़े भी जा रहे हैं। ताजा मामला गोपालगंज के कुचायकोट थाना क्षेत्र के बथना कुटी गांव का है जहां पुलिस ने एक बाइक सवार को पकड़ा है। जो खुद को स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी बता रहा था। 


उसके गले में स्वास्थ्य विभाग का आई कार्ड भी लटका हुआ था। उसके आईकार्ड को देखकर पुलिस धोखा खा जाती थी। पुलिस को लगता था कि युवक सरकारी कर्मचारी है इसलिए उसकी तलाशी पुलिस नहीं लेती थी लेकिन आज पुलिस ने उसे रोका और उसके बैग को चेक किया तो होश उड़ गये। जिसे पुलिस स्वास्थ्य कर्मी मान रही थी वो शराब तस्कर निकल गया। उसके पास से एक नहीं बल्कि 200 पीस देसी शराब का फ्रूटी पैक बरामद किया गया है। पुलिस ने उसेक आईकार्ड को भी जब्त कर लिया है। युवक को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया गया है। 


युवक यूपी से शराब लेकर गोपालगंज लौट रहा था। इसी बीच किसी ने पुलिस को यह सूचना दे दी कि एक युवक शराब की बड़ी खेप लेकर निकला है। पुलिस ने जब वाहन जांच अभियान को तेज किया तब युवक पकड़ा गया हालांकि कुछ देर के लिए पुलिस को लगा कि यह तो सरकारी कर्मचारी है इसलिए थोड़े देर के लिए पुलिस सोच में पड़ गयी लेकिन मिली सूचना के आधार पर जब पुलिस ने  बाइक पर रखे बैग की तलाशी ली तब दंग रह गयी। 


पुलिस को एहसास हुआ कि सूचना सही थी। युवक पुलिस की आंख में धूल झोंकने के लिए स्वास्थ्य विभाग का आईडी कार्ड पहन रखा था लेकिन पुलिस उसके झांसे में नहीं आई। पुलिस को वह कहता रहा कि बैग और कार्टन में दवाइयां है जिसे मेडिकल स्टोर्स को देना है लेकिन पुलिस ने उसकी एक ना सुनी और वह पकड़ा गया। अभी वो सलाखों के पीछे पहुंच गया है। पूछताछ के बाद उसे जेल भेजा गया है। 


युवक की पहचान उचका गांव थाना क्षेत्र के श्यामपुर बाजार निवासी मोतीलाल राम के बेटे प्रमोद राम के रुप में हुई है। उत्पाद विभाग की टीम ने उसे फर्जी आईकार्ड के साथ धड़ दबोचा है। आईकार्ड में ना तो कोई नाम लिखा हुआ था और ना ही फोटो ही लगा हुआ था। स्वास्थ्य विभाग लिखे इस आईकार्ड को देखकर पुलिस भी हैरान रह गयी।