तेजस्वी यादव की शराबी होने की जांच कराये राज्य सरकार: सुशील मोदी ने की मांग, कहां-राजद के MLC के पास हैं सबूत

तेजस्वी यादव की शराबी होने की जांच कराये राज्य सरकार: सुशील मोदी ने की मांग, कहां-राजद के MLC के पास हैं सबूत

PATNA: क्या बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव रोज शराब पी रहे हैं? भाजपा नेता सुशील मोदी ने राज्य सरकार से कहा है कि तेजस्वी यादव पर लग रहे इस आरोप की गंभीरता से जांच करायी जाये. तेजस्वी पर एक जिम्मेवार पद पर बैठे व्यक्ति ने आऱोप लगाया है, इसलिए सरकार को इसकी जरूर जांच करानी चाहिये.

पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में  जब पूर्ण मद्यनिषेध का कानून लागू है, तब पिछली सरकार के समय उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर शराब पीने का आरोप लगना एक गंभीर मामला है. राज्य सरकार को इसकी विस्तृत जांच करानी चाहिए. अगर शराब के आऱोप में एक आदमी को जेल भेजा जा सकता है तो तेजस्वी के खिलाफ भी जांच होनी चाहिये. 


राजद MLC ने लगाया था आरोप

बता दें कि तेजस्वी पर रोज शराब पीने का आरोप राजद के तत्कालीन एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी ने लगाया था. इसी आऱोप के बाद राजद ने रामबली सिंह चंद्रवंशी पर दलबदल कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगा कर विधान परिषद के सभापति के पास शिकायत की थी.  राजद की शिकायत पर विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने रामबली सिंह चंद्रवंशी की विधान परिषद सदस्यता रद्द कर दी थी. 

अब सुशील कुमार मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव के पद पर रहते उनकी ही पार्टी के विधान परिषद सदस्य रामबली सिंह ने यदि आरोप लगाये थे, तो उनके पास कुछ प्रमाण भी होंगे. उन्होंने कहा कि किसी की विधान परिषद सदस्यता समाप्त या बहाल करना  सभापति का विशेषाधिकार है, लेकिन शराबबंदी कानून तोड़ने के आरोप की जाँच तो सरकार करा ही सकती है.


सुशील मोदी ने कहा कि शराब पीने, रखने या उसका व्यापार करने पर पूर्ण प्रतिबंध का कानून 2016 से लागू है. कानून तोड़ने पर जब सामान्य नागरिक को दंडित किया जाता है, तब तेजस्वी यादव के दोषी पाए जाने पर उनके विरुद्ध भी कार्रवाई हो सकती है. सरकार में शामिल होने के नाते तेजस्वी यादव पर शराबबंदी कानून लागू कराने की जिम्मेदारी थी, जबकि उन पर ही कानून तोड़ने के आरोप लगना कोई सामान्य बात नहीं है.