PATNA: बीजेपी नेता सुशील मोदी ने पिछले दिनों कहा था कि अगर केंद्र सरकार राजगीर में एयरपोर्ट नहीं बना रही है तो राज्य सरकार अपने खर्चे पर एयरपोर्ट क्यों नहीं बना लेती। सुशील मोदी के इस बयान पर जेडीयू ने जोरदार हमला बोला है। जेडीयू ने कहा है कि बीजेपी के नेता जुमलेबाजी के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं लेकिन उनसे इस प्रकार के असंवैधानिक बात की उम्मीद नहीं थी। जेडीयू ने कहा है कि सुशील मोदी संविधान में बदलाव कर नगर विमानन को राज्य सूची में डाल दें, नीतीश कुमार एयरपोर्ट का निर्माण करा लेंगे।
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा और अंजुम आरा ने भाजपा नेता सुशील मोदी पर हमला बोलते हुए सुशील मोदी के सभी झूठ का पर्दाफाश किया। जदयू प्रवक्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में एयरपोर्ट बनाने की अपनी गुजारिश केंद्र सरकार से दोहराई तो सुशील मोदी समेत भाजपा नेताओं के पेट में दर्द होने लगा। आज इस देश में सर्वाधिक गंभीर मुद्दा है संविधान को बचाने की लड़ाई, सभी जानते हैं कि नागरिक विमानन सेवा संविधान की केन्द्रीय सूची में है न कि राज्य या समवर्ती सूची में। केंद्रीय सूची के विषयों पर राज्य सरकार कोई कदम नहीं उठा सकती है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के अनुसार भी एयरपोर्ट बनाने में राज्य सरकार सिर्फ़ सहयोगी संस्था है। नागरिक विमानन समवर्ती सूची में भी होता तो हमारे नेता नीतीश कुमार बहुत पहले राजगीर में एयरपोर्ट बनवा चुके होते। जैसे मुख्यमंत्री ने जरासंध अखाड़ा के प्रति केंद्र सरकार और आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के उदासीन रवैये को देखते हुए वहां जरासंध मेमोरियल बनवाने की घोषणा कर दी।
प्रवक्ताओं ने कहा कि सुशील मोदी का यह बयान कहीं भारतीय संविधान पर बढ़ते हमले की एक सोची समझी साजिश का हिस्सा ही तो नहीं है? एयरपोर्ट बनाए राज्य सरकार और उसपर टैक्स लगाए केंद्र सरकार, नागरिकों से दरभंगा से दिल्ली तक के लिए पच्चीस- पच्चीस हज़ार किराया ले केंद्र सरकार और उससे होने वाली आमदनी से विश्व भ्रमण करे मोदी सरकार। इस बयान का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि क्या मोदी सरकार की औपचारिकता अब सिर्फ सरकारी संपत्तियों को अडानी और अम्बानी को बेचने तक सीमित रह गई है? मतलब राजगीर में एयरपोर्ट बनाएं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उसे अम्बानी अडानी को बेच दे मोदी सरकार? एक दौर था जब टाटा ने एयर इंडिया बनाया और उसे दशकों तक सफल रूप से चलाकर भारत सरकार को दे दिया था और आज का दौर है जब मोदी सरकार एक के बाद कुल आठ एयरपोर्ट अडानी को बेच चुकी है। यानी एयरपोर्ट बनाए नीतीश सरकार और उसे अपने आकाओं को बेच दे मोदी सरकारl
प्रवक्ताओं ने तीसरे महत्वपूर्ण पक्ष की चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा राजगीर में एयरपोर्ट बनवाने की मांग कितनी जायज है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पूरे बिहार में सर्वाधिक देसी और विदेशी पर्यटक राजगीर के आस- पास ही आते हैं, जहां नालंदा विश्व विद्यालय समेत कई वैश्विक ऐतिहासिक धरोहर हैं। राजगीर में आयुध कारखाना है। चंद वर्षों में राजगीर में नालंदा विवि का नया कैंपस बनकर तैयार हो जायेगा साथ ही वहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का खेल मैदान भी बन रहा है। केंद्र सरकार के आंकड़े के अनुसार 2018 में बिहार अंतरराष्ट्रीय और घरेलू समग्र पर्यटन के मामले में पूरे भारत में 9वें स्थान पर रहा, जो वर्ष 2009 तक 18वें स्थान पर था। वर्ष 2005 में पूरे देश का 0.6% कुल 63,321 विदेशी यात्री बिहार आए थे, जो 2019 में बढ़कर 10.90 लाख हो गई। जबकि घरेलू पर्यटकों की कुल संख्या 68.81 लाख से बढ़कर 3.5 करोड़ पहुंच गई। यानी विदेशी यात्रियों की संख्या में लगभग 18 और घरेलू में लगभग पाच गुना वृद्धि हुई।
प्रवक्ताओं ने कहा कि भाजपा का झूठ सुशील मोदी के बयान से स्पष्ट है, उन्होंने कहा कि बिहार सरकार पटना, पूर्णिया और बिहटा में बन रहे एयरपोर्ट के लिए ज़मीन नहीं दिया है। बिहटा में बिहार सरकार 108 एकड़ ज़मीन दे चुकी है जिसपर अभी तक सही से बाउंड्री भी नहीं कराया गया है और पार्किंग बनाने के लिए 8 एकड़ जमीन अलग से मांगा। सुशील मोदी बोलते हैं कि एयरपोर्ट राज्य सरकार खुद बनवा ले, तो हम बनवा लेंगे, बीजेपी संविधान में बदलाव कर नगर विमानन को राज्य सूची में डाल दे।
प्रवक्ताओं ने बताया कि दरभंगा एयरपोर्ट को बड़ा करने, यात्रियों सुविधा के कुछ और सेवाओं के लिए जमीन मांगी गयी है और बिहार सरकार 2023 तक सारी ज़मीन का अधिग्रहण कर देने का वायदा पहले ही कर चुकी है। बिहार सरकार अपना काम कर भी देगी पर दरभंगा से दिल्ली का किराया पच्चीस हज़ार वसूले जाने और बिहार की जनता को लुटने का जिम्मेदार कौन है? उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि बिहार में कम से कम 5-6 डोमेस्टिक और एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जरुरत है, जबकि वर्तमान में बिहार में मात्र तीन एयरपोर्ट ही है। हालांकि पहले बिहार में कई एयरपोर्ट हुआ करते थे, लेकिन मुंगेर, भागलपुर, फारबिसगंज और रक्सौल एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है। 2019 में प्रधानमंत्री ने मुजफ्फरपुर में एयरपोर्ट बनाने की घोषणा की थी, इसके अलावे सबेया में भी एक एयरपोर्ट बनाना है पर उसकी कोई चर्चा ही नहीं हो रही है।