1st Bihar Published by: Updated Wed, 24 Jun 2020 06:09:48 PM IST
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PATNA : डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि युद्ध के दौरान कभी कमांडर नहीं बदला जाता। वो कमांडर जिसके चेहरे पर कोई दाग नहीं, भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं, जिसने कठिन दौर से बिहार को निकाल कर विकास की नई उचाइंयों पर पहुंचाया हो, उसे बदलने का सवाल ही नहीं है। भाजपा-जदयू का गठबंधन नेचुरल और सुशासन का प्रतीक है। लालू प्रसाद अगर जेल से बाहर आ जाए तो एनडीए का रास्ता और आसान हो जाएगा। बिहार में एनडीए और यूपीए के वोट में 20 प्रतिशत का फासला है। इसे पाटना यूपीए के बूते में नहीं है।
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार प्रारंभ से ही बिहार में एनडीए के नेता रहे हैं आगे भी रहेंगे और मुख्यमंत्री के चेहरा भी है। उन्होंने सुशासन की एक ऐसी लम्बी लकीर खींच दी है जिसे मिटाना या बराबरी करना यूपीए के लिए कतई संभव नहीं है।बीच में राजद के साथ हुई जदयू की दोस्ती को जदयू कार्यकर्ताओं ने कभी स्वीकार नहीं किया। हम सबको मालूम था कि यह दोस्ती अधिक दिनों तक चलने वाली नहीं है। कोई भी व्यक्ति जो विकास चाहने वाला है, वह कभी लालू प्रसाद और उनके ‘लालूवाद’ को स्वीकार ही नहीं कर सकता है। उन्होनें कहा कि लालू प्रसाद अगर विधान सभा चुनाव के पहले जेल से बाहर आ जाए तो एनडीए की राह और आसान हो जाएगी। 2010 में लालू प्रसाद जेल से बाहर ही थे, मगर एनडीए ने उन्हें 22 सीटों पर सिमटा दिया था।
डिप्टी सीएम ने कहा कि बिहार में एनडीए और यूपीए के वोट में 20 फीसदी का फासला है। 2010 और 2015 के चुनाव में यह अंतर 18 से 23 प्रतिशत का था। अन्य राज्यों में तो 1 से 2 प्रतिशत के अन्तर से सरकारें बनती-बिगड़ती है। ऐसे में एनडीए से पार पाना यूपीए के लिए संभव नहीं है। राजद एक ऐसी पार्टी है जो आज भी अपराधियों मसलन मो. शहाबुद्दीन, राजबल्लभ यादव व अरुण यादव जैसों के साये से बाहर निकलने के लिए तैयार नहीं है। अगर राजद अपने 15 साल के गुनाहों के लिए बिहार की जनता से सार्वजनिक माफी मांगे तो कुछ सीमा तक चुनाव में टक्कर हो सकती है। मगर राजद को ऐसा करने की हिम्मत नहीं है।