सुशील मोदी बोले- नीतीश को कोरोना संक्रमित कराना चाहती है RJD, लालू-राबडी ने तेजस्वी से क्यों नहीं कहा था- ‘बबुआ जनता के बीच रहे के चाही’

सुशील मोदी बोले- नीतीश को कोरोना संक्रमित कराना चाहती है RJD, लालू-राबडी ने तेजस्वी से क्यों नहीं कहा था- ‘बबुआ जनता के बीच रहे के चाही’

PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरजेडी के ताबड़तोड़ हमले के बचाव में सुशील मोदी ने आज फिर मोर्चा संभाला. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार अपनी जिम्मेवारी का पालन कर रहे हैं लेकिन आरजेडी के नेता उन्हें घर से बाहर निकलने की सलाह दे रहे हैं. लालू-राबडी अपने बेटे को क्यों नहीं कहते कि ‘बबुआ, जनता के बीच रहे के चाही.’


नीतीश के लिए सुशील मोदी का ताबड़तोड़ ट्वीट
दरअसल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत लालू प्रसाद यादव-राबड़ी देवी औऱ आरजेडी के दूसरे नेता नीतीश कुमार के घर में कैद रहने पर लगातार हमले कर रहे हैं. आज सुशील मोदी ने ताबडतोड ट्वीट कर नीतीश कुमार का बचाव किया और लालू-राबडी के साथ साथ तेजस्वी पर जवाबी हमला बोला. डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि बिहार में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हर किसी को घर से काम करने के लिए कहा जा रहा है और लॉकडाउन की अवधि बढ़ानी पड़ी है.  ऐसे में मुख्यमंत्री समेत सभी जिम्मेदार लोग नियमों का पालन कर रहे हैं.


सुशील मोदी ने कहा कि ऐसे हालत में लालू प्रसाद और राबड़ी देवी रोज नीतीश कुमार को शारीरिक दूरी मिटा कर जनता के बीच जाने की सलाह दे रहे हैं.  इन लोगों ने लंबे समय तक जनता के बीच से गायब रहने वाले अपने पुत्र तेजस्वी यादव को कभी ऐसी सलाह क्यों नहीं दी? उस समय कोरोना का प्रकोप भी नहीं था.  क्या राजद मुख्यमंत्री के कोरोना संक्रमित होने की कामना कर रहा है? बिहार के डिप्टी सीएम ने कहा कि तंत्र-मंत्र में विश्वास करने वाली पार्टी राजनीतिक ईर्ष्या में किसी भी स्तर तक गिर सकती है.


बबुआ, जनता के बीच रहे के चाही
सुशील मोदी ने कहा कि लालू-राबडी ने अपने बेटे को जनता के बीच रहने की सलाह क्यों नहीं दी. पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में जब लालू-राबड़ी की पार्टी आरजेडी राज्य की 40 में से एक भी सीट जीत नहीं पायी थी, तब उनके बड़बोले राजनीतिक वारिस को ऐसा झटका लगा कि 35 दिन तक जनता से दूरी बनाकर अज्ञातवास में चले गए थे. तेजस्वी यादव विपक्ष के नेता जैसे गंभीर पद की जिम्मेवारी निभाने विधानसभा में भी नहीं आये. न स्पीकर को कोई सूचना, न क्षेत्र की जनता से कोई संवाद. तब कोई महामारी और लाकडाउन की स्थिति भी नहीं थी. लालू-राबड़ी ने उस समय कोई ट्वीट क्यों नहीं किया कि बबुआ, जनता के बीच रहे के चाही.