PATNA : बीजेपी पर सवाल खड़े कर रहे लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान पर भाजपा नेताओं का जवाबी हमला शुरू हो गया है. आज बीजेपी के नेता औऱ पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान पर जवाबी हमला बोला. सुशील मोदी ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में भ्रम फैलाकर एनडीए के वोटरों को बांटने की साजिश रची गयी वर्ना नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गठबंधन को 160 से ज्यादा सीटें आती.
तेजस्वी के बहाने चिराग पर हमला
दरअसल सुशील कुमार मोदी ट्वीटर पर तेजस्वी यादव के उस दावे का जवाब देने उतरे जिसमें बिहार सरकार के दो-तीन महीने में गिर जाने की भविष्यवाणी की गयी थी. सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव सत्ता पाने की बेचैनी में सरकार गिरने को लेकर मुंगेरीलाल की तरह हसीन सपने देख रहे हैं. बिहार की जनता ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए को जनादेश दिया, इसलिए यह सरकार न्याय के साथ विकास का मंत्र लेकर अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी.
चिराग पर भी हमला
सुशील मोदी ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए के वोट में बंटवारे की साजिश रची गयी. उन्होंने चिराग का नाम तो नहीं लिया लेकिन निशाना वहीं लगा रहे थे. ट्वीटर पर उन्होंने लिखा है “2020 के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की साफ छवि को सामने रख कर मतदाताओं से एक बार फिर सेवा का अवसर मांगा गया था. लोगों ने इस पर भरोसा भी जताया. यदि उस समय भ्रम फैला कर एनडीए के वोट में सेंध लगाने की साजिशें न हुई होतीं, तो हमारे समर्थक मतों का बिखराव न होता और सदन में सीटों की संख्या 160 से कम न होती.”
पहली दफे बीजेपी का चिराग पर निशाना
लोक जनशक्ति पार्टी में खड़ा हुए बखेड़े के बाद पहली दफे बीजेपी के किसी नेता ने चिराग पासवान पर निशाना साधा है. इस मामले में बीजेपी ने पूरी तरह चुप्पी साध रखी है. लेकिन सुशील मोदी आगे आये हैं. इससे पहले भी सुशील मोदी नीतीश कुमार के बचाव में आगे आते रहे हैं. विधानसभा चुनाव में भी सुशील मोदी ने ही चिराग पासवान पर सबसे पहले हमला बोला था.
इससे पहले चिराग पासवान ने एक इंटरव्यू में कहा था कि 2020 के चुनाव में अकेले उतरने के फैसले की जानकारी उन्होंने अमित शाह, जेपी नड्डा औऱ बी एल संतोष को दे दिया था. चिराग ने दावा किया था कि जब उनकी बीजेपी नेताओं से ये बात हो रही थी कि लोजपा अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी तो ये तय हुआ था कि आपसी कटुता नहीं होगी. यानि न लोजपा बीजेपी पर हमला बोलेगी और बीजेपी का कोई नेता लोक जनशक्ति पार्टी के बारे में कुछ बोलेगा. लेकिन बीजेपी ने नीतीश कुमार के दबाव में आकर कमिटमेंट तोड़ दिया.