DELHI: तिरुपति लड्डू में मिलावट का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। वकील सत्यम सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर याचिका दायर कर शीर्ष अदालत से हस्तक्षेप की मांग की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रसाद में मिलावट से अनगिनत भक्तों की आस्था को गहरा ठेस पहुंचा है। हिंदू धर्म के लोग प्रसादम को एक पवित्र आशीर्वाद मानते हैं।
याचिकाकर्ता वकील सत्यम सिंह ने तर्क दिया है कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का खुला उल्लंघन है जो धार्मिक रीति रिवाजों के अधिकारी के साथ साथ धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट के पिछले कई फैसलों का भी हवाला दिया गया है, जो धार्मिक प्रथाओं की रक्षा के महत्व पर जोर देते हैं।
याचिकाकर्ता ने इसे काफी संवेदनशील मामला बताते हुए मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और कानूनी कार्रवाई के जरिए हिंदू धार्मिक प्रथाओं की पवित्रता की रक्षा करने के साथ ही पवित्र स्थानों का उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा है कि हम राष्ट्रीय और धार्मिक महत्व के इस गंभीर मामले पर सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।
बता दें कि इस मामले को लेकर राज्य के साथ साथ देश की सियासत गर्म हो गई है। आंध्र प्रदेश कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी की बहन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग कर दी है। वहीं जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीएम चंद्रबाबू नायडू के आरोप की जांच किसी सीटिंग जज या हाईकोर्ट द्वारा गठित समिति से कराने की मांग कर दी है।