SUPAUL: पूरे देश में कोरोना का कहर जारी है। बिहार के सुपौल जिले में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहा है। सुपौल में गुरुवार को कोरोना के 416 नए मामले सामने आए है। वही कोरोना की दूसरी लहर में सुपौल जिले में अब तक 24 लोगों की जाने चली गयी है। वही सुपौल सदर अस्पताल में आरटीपीसीआर केंद्र 4 दिनों से बंद है जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना की जांच के लिए सदर अस्पताल में आए लोगों में इसे लेकर आक्रोश देखने को मिल रहा है। जबकि सिविल सर्जन का कहना है कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है।
सुपौल सदर अस्पताल में आरटीपीसीआर जांच 4 दिनों से बंद है और पूर्व में भेजे गए हजारों सैंपल की रिपोर्ट अब तक नहीं आ पाई है। इससे संक्रमण का विस्फोट होने का खतरा बढ़ता दिख रहा है। सदर अस्पताल में जांच के लिए लोग पहुंच तो रहे है लेकिन जांच नहीं होने से लोग घर लौट रहे हैं। आरटीपीसीआर की पिछली रिपोर्ट नहीं आने से संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। जिले के सबसे बड़े अस्पताल की इस व्यवस्था से लोग भी हैरान हैं। वही सिविल सर्जन को आरटीपीसीआर जांच 4 दिनों से बंद रहने की जानकारी तक नहीं है।
मीडिया के सवाल पर सिविल सर्जन डॉ. ज्ञानशंकर ने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। मामले को पता करने के बाद सिविल सर्जन ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी अभी मिली है। कई आरटीपीसीआर रिपोर्ट पेंडिंग है इसलिए ऊपर से ही जांच रोक दिया गया है। आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट क्यों रोकी गई इसका जवाब भी सिविल सर्जन के पास नहीं था। ऐसे में सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के सरकारी दावों की पोल खुलती नजर आ रही है।