RTI एक्टिविस्ट को पुलिस ने किया गिरफ्तार, नीतीश के मंत्री के खिलाफ की है शिकायत, DM से भी मांगा है जवाब

 RTI एक्टिविस्ट को पुलिस ने किया गिरफ्तार, नीतीश के मंत्री के खिलाफ की है शिकायत, DM से भी मांगा है जवाब

SUPAUL : भ्रष्टाचार पर लोकतांत्रिक तरीके से वार करने वाले RTI कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह को सुपौल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी मिली है कि कौशिक भवन के फर्जीवाड़े के मामले को उठाने को लेकर उनकी गिरफ़्तारी की बात सामने आ रही है. कौशिक भवन के ठीकेदार ने सुपौल के डीएम को आवेदन दिया था, जिसके बाद सदर पुलिस मामला दर्ज कर कार्रवाई कर रही है. 


RTI कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह की गिरफ़्तारी को लेकर जानकारी मिली है कि वह पटना से सुपौल लौट रहे थे. इस दौरान उन्हें सुपौल की पुलिस ने सहरसा जिले में ही अरेस्ट कर लिया. बताया जा रहा है कि 6 फ़रवरी को सदर थाना में मामला दर्ज किया गया था. एक हफ्ते बाद उनकी गिरफ़्तारी हुई. हालांकि उनकी गिरफ़्तारी के संबंध में सुपौल पुलिस की ओर से कोई जानकारी साझा नहीं की गई है. 


RTI कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है लेकिन पुलिस उन्हें कहां ले गई है. इस बात की कोई सूचना नहीं दी गई है. उन्हें गिरफ़्तारी के बारे में भी नहीं बताया गया है. परिजनों का कहना है कि अनिल कुमार सिंह आरटीआई के तहत कई बड़े घोटालों का खुलासा कर चुके हैं. उन्होंने पुलिस महकमे से लेकर प्रशासनिक महकमे के लोगों के खिलाफ आवाज उठाई है. नीतीश के मंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ उन्होंने पेटिशन दायर किया है.


नीतीश सरकार में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव के खिलाफ RTI कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह ने पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. मंत्री के ऊपर इन्होंने आरोप लगाया है कि उन्होंने चुनाव आयोग से कई जानकारियां छिपाई है, जो कि जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत गंभीर अपराध है. अनिल बिजेंद्र यादव के खिलाफ इसबार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव भी लड़ चुके हैं. इन्होने कोर्ट से बिजेंद्र यादव नामांकन रद्द करने की भी मांग की थी. 


मंत्री के अलावा अनिल कुमार सिंह सुपौल के डीएम महेंद्र कुमार के विरुद्ध भी आवाज उठा चुके हैं, जो कि 2011 बैच के आईएएस अफसर हैं. इस मामले में सुपौल के डीएम महेंद्र कुमार को शोकॉज भी किया गया है. दरअसल अनिल सिंह के इनके खिलाफ ड्यूटी में लापरवाही, पब्लिक ऑफिस का दुरूपयोग, बिना इजाजत छुट्टी पर जाने आदि की शिकायत की थी. बताया जा रहा है कि डीएम महेंद्र कुमार पूर्व रेल मंत्री ललित नारायम मिश्रा के बलिदान दिवस पर नहीं पहुंचे थे.