SUPAUL : दरिंदगी के मामले में कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. सुपौल में गैंगरेप के 26 साल पुराने गैंगरेप के मामले में अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार समेत चार अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया है. एडीजे थ्री रविरंजन मिश्र की अदालत ने सत्रवाद संख्या 36/95 की सुनवाई करते हुए दरिंदगी के इन आरोपियों को दोषी करार माना है.
31 जनवरी को सजा पर होगी बहस
सुपौल के चर्चित गैंगरेप मामले में पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार, शंभू सिंह, भूपेन्द्र सरदार, उमा सरदार, रामफल यादव और हरिलाल शर्मा उर्फ हरिनारायण शर्मा को नामजद किया गया था. जिसमें कोर्ट ने आरोपित शंभू सिंह, भूपेन्द्र यादव, पूर्व MLA योगेन्द्र नारायण सरदार और उमा सरदार को दोषी करार दिया है. 31 जनवरी के दिन इन दरिंदों को सजा दिलाने के लिए बहस होगी.
पीड़िता ने काटा था प्राइवेट पार्ट
इसमें से एक आरोपी रामफल यादव की मौत हो चुकी है. हरिलाल शर्मा उर्फ हरिनारायण शर्मा फरार चल रहे हैं. बता दें कि पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार जनता दल के टिकट पर त्रिवेणीगंज से जीतकर विधानसभा पहुंचा था. बलात्कार के दौरान लड़की ने पूर्व विधायक के नाजुक अंग को काट लिया था. उस समय हाई प्रोफाइल मामला होने के कारण मेडिकल बोर्ड की ओर से जांच हुई थी. इसमें डॉक्टरों ने रिपोर्ट में धारदार हथियार से नाजुक अंग को जख्मी करने की बात कही थी.
क्या है पूरा मामला
बताया जा रहा है कि 16 नवंबर 1994 की रात पीड़िता अपनी मां के साथ सोई हुई थी. इसी बीच पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार, शंभू सिंह, उमा सरदार और भूपेन्द्र यादव सहित दो-तीन अज्ञात मिलकर रात करीब 12 बजे पीड़िता के घर आए और लड़की का हाथ-मुंह बांधकर जीप से लेकर चला गया था. आरोपियों ने एक कमरे में ले जाकर बारी-बारी से उसका गैंगरेप किया था. इसके बाद दुष्किर्मियों के चंगुल से भागकर किसी तरह अपने घर आई और परिजनों को आपबीती सुनाई. जख्मी हालत में लड़की की मेडिकल जांच कराई गई थी. 19 नवंबर 1994 को पीड़िता के बयान पर त्रिवेणीगंज थाना में केस दर्ज किया गया था.