सुधाकर के बाद अनंत सिंह की बारी? क्या नीतीश को खुश करने के लिए अनंत का भी पत्ता काटेंगे तेजस्वी

सुधाकर के बाद अनंत सिंह की बारी? क्या नीतीश को खुश करने के लिए अनंत का भी पत्ता काटेंगे तेजस्वी

PATNA: नीतीश सरकार के भ्रष्टाचार से लेकर नीतीश की कृषि नीति के खिलाफ के मोर्चा खोलने वाले सुधाकर सिंह को तो तेजस्वी यादव ने मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया. लेकिन अब तेजस्वी की दूसरी परीक्षा सामने हैं. सियासी गलियारे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या नीतीश कुमार को खुश करने के लिए तेजस्वी यादव अनंत सिंह से भी पल्ला झाड़ेंगे. सवाल इसलिए भी अहम हो गया है क्योंकि मोकामा विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा हो गयी है. ये वही सीट है जहां से अनंत सिंह विधायक थे और उनके सजायाफ्ता होने के बाद ये सीट खाली हुई है.


अनंत का पत्ता कटेगा?

सियासी गलियारे में हो रही चर्चाओं के मुताबिक सुधाकर सिंह के बाद अब अनंत सिंह का नंबर है. मोकामा विधानसभा के उप चुनाव में तेजस्वी यादव अनंत सिंह से पल्ला झाड़ सकते हैं. उप चुनाव में अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी टिकट की दावेदार हैं. राजद के एक वरीय नेता ने फर्स्ट बिहार से कहा-अगर तेजस्वी यादव अनंत सिंह की पत्नी की दावेदारी नकार दें तो हैरानी नहीं होनी चाहिये. 2023 में मुख्यमंत्री बनने की तैयारी कर रहे तेजस्वी हर हाल में नीतीश कुमार को प्रसन्न रखना चाहते हैं. जब जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह ठिकाने लगा दिये गये तो अनंत सिंह के बारे में क्या कहना. 



जानकार बता रहे हैं कि अनंत सिंह कैंप को भी इसकी आशंका है. लिहाजा हर स्तर की तैयारी की जा रही है. अगर तेजस्वी ने अनंत सिंह की पत्नी को उम्मीदवार बनाने से इंकार किया तो वह भाजपा के कैंप में भी जा सकती है. वैसे अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी हर सूरत में चुनाव लड़ेंगी. अगर किसी पार्टी से टिकट नहीं मिला तो वह निर्दलीय लडने की भी तैयारी कर रही हैं.


नीतीश को खुश रखेंगे तेजस्वी


वैसे तेजस्वी यादव ये जानते हैं कि मोकामा विधानसभा क्षेत्र में अनंत सिंह सबसे बड़े फैक्टर हैं. अनंत सिंह की पत्नी को टिकट देने का मतलब यही होगा कि मतदान से पहले ही राजद की जीत तय हो जायेगी. लेकिन राजद सूत्र ये भी बताते हैं कि तेजस्वी किसी सूरत में नीतीश कुमार को नाराज नहीं करेंगे. उन्हें लग रहा है कि नीतीश की नाराजगी उन्हें सीएम की कुर्सी से दूर कर देगा, जो 2023 में मिलने की उम्मीद है.



वहीं, अनंत सिंह नीतीश कुमार और उनके सबसे प्रमुख सिपाहसलार ललन सिंह के सबसे बडे दुश्मन के तौर पर जाने जाते हैं. अनंत सिंह हों या उनके समर्थक, ये खुलकर कहते रहे हैं कि नीतीश कुमार औऱ ललन सिंह ने उन्हें अपनी पुलिस के जरिये झूठे मुकदमे में फंसाया. उसी केस में अनंत सिंह को सजा हुई है. इसके बावजूद अनंत सिंह नीतीश कुमार के सामने झुकने को तैयार नहीं हैं. 



अनंत सिंह 2020 के विधानसभा चुनाव में भी नीतीश कुमार के सामने झुकने को तैयार नहीं हुए थे. इसी खासियत के कारण तेजस्वी यादव ने अनंत सिंह को मोकामा से राजद का टिकट दिया था. लेकिन 2020 और 2022 के बीच तेजस्वी की पॉलिटिक्स यू-टर्न ले चुकी है. अब वे विधानसभा की एक सीट के लिए 2023 में मुख्यमंत्री बनने की उम्मीदों पर पानी नहीं फेर सकते. 



उधर जेडीयू के स्थानीय नेता ये दावा कर रहे हैं कि मोकामा सीट उनके पास आय़ेगी. जिला जेडीयू के कई नेता खुलकर ये बयान दे चुके हैं कि मोकामा से अनंत सिंह के परिवार के किसी व्यक्ति को टिकट नहीं मिलेगा बल्कि जेडीयू अपने आदमी को टिकट देगी. चर्चा ये भी है कि जेडीयू ने इस सीट के लिए उम्मीदवार तलाश कर रख लिया है. ऐसे में आगे क्या होगा, ये देखना दिलचस्प होगा.