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26-Jun-2019 03:15 PM
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GAYA : भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया में वैसे तो कई देशों के दानदाताओं के संस्था के द्वारा स्कूल संचालित है. लेकिन एक ऐसी संस्था भी है जो बच्चों को पढ़ाई के लिए हर सुविधा मुफ्त में उपलब्ध कराती है. बच्चों को फ्री में स्कूल ड्रेस, भोजन और शिक्षा दी जाती है. लेकिन इसके बदले में स्टूडेंट्स से पैसे लेने के बजाये अनोखा काम करवाया जाता है. पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को लेकर एक अनोखा कदम उठाया गया है. दरअसल कोरियन संस्था के द्वारा संचालित पदमपानी स्कूल में पढ़ने वालों बच्चों को स्कूल के रास्ते में पड़े कचड़े और प्लास्टिक को अपने स्कूल में लाना पड़ता है. जिले में भीषण गर्मी और हीट स्ट्रोक से बचने के लिए स्कूल प्रबंधन की ओर से यह अनोखी पहल शुरू की गई है. बच्चे भी इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. वाटर बोतल और बुक्स के अलावा बच्चे हाथ में प्लास्टिक और कचड़ा लेकर स्कूल पहुंचते हैं. उसके बाद उसे स्कूल गेट पर रखे डस्टबिन में डालकर क्लासरूम में जाते हैं. बच्चें अपने वाटर बोतल की पानी को भी पेड़ों में डालते हैं और खाली बोतल को स्कूल में भरते हैं. अपने आसपास भी स्वच्छता बनाये रखने के लिए बच्चो को प्रेरित किया जाता है. स्कूल के प्रिंसिपल मीरा मेहता ने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चो को सारी सुविधा इसलिए फ्री दी जाती है क्योंकि यहाँ आसपास के महादलित इलाके में गरीब बच्चे रहते हैं. तीन किलोमीटर तक कोई सरकारी स्कूल नहीं है. बच्चे शिक्षा से दूर ना हो इसके लिए यहां स्कूल खोला गया है. पर्यावरण बचाने, समाज को स्वच्छ रखने और बच्चो को शिक्षित बनाने के लिए यह अनोखी पहल शुरू की गई है. गया से पंकज की रिपोर्ट