ब्रेकिंग न्यूज़

मोतिहारी: तालाब में नहाने गए दो दोस्तों की डूबने से मौत, गांव में छाया मातम BHOJPUR: बड़हरा से तीसरा तीर्थयात्रियों का जत्था रवाना, अजय सिंह की पहल से 5000 यात्रियों के संकल्प की ओर बढ़ा एक और कदम Bihar News: पैसा खर्च करने में विफल रहने वाले DDC पर लटकी तलवार....सरकार ने जारी किया यह आदेश,जानें... Bihar News: इस जिले में बनेगा बिहार का दूसरा टाइगर रिजर्व, राज्य सरकार ने केंद्र को भेजा प्रस्ताव Bihar News: इस जिले में बनेगा बिहार का दूसरा टाइगर रिजर्व, राज्य सरकार ने केंद्र को भेजा प्रस्ताव Bihar Teacher News: शिक्षा विभाग ने अपने इस आदेश को किया स्थगित, 'शिक्षकों' को लेकर जारी हुआ था पत्र..आज 'सचिव' ने निकाला नया आदेश Bihar News: बिहार में शराब के खिलाफ तेज होगा अभियान, रडार पर दूसरे राज्यों के 305 तस्कर, अबतक 9 दोषी को फांसी की सजा Bihar News: बिहार में शराब के खिलाफ तेज होगा अभियान, रडार पर दूसरे राज्यों के 305 तस्कर, अबतक 9 दोषी को फांसी की सजा Bihar News: बिहार में 2740 करोड़ की सड़क परियोजना से समग्र विकास की दिशा को मिलेगी मजबूती, मंत्री नितिन नवीन ने बताया प्लान Bihar News: बिहार में 2740 करोड़ की सड़क परियोजना से समग्र विकास की दिशा को मिलेगी मजबूती, मंत्री नितिन नवीन ने बताया प्लान

सोशल मीडिया पर बेड और ऑक्सीजन को लेकर दर्द बयां करने वालों पर न हो कार्रवाई: सुप्रीम कोर्ट

1st Bihar Published by: Updated Fri, 30 Apr 2021 02:13:46 PM IST

सोशल मीडिया पर बेड और ऑक्सीजन को लेकर दर्द बयां करने वालों पर न हो कार्रवाई: सुप्रीम कोर्ट

- फ़ोटो

DESK: देश में कोरोना की स्थिति, दवाइयां, ऑक्सीजन सप्लाई, टीकाकरण  के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार पर सवालों की बौछार कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर अपनी शिकायत दर्ज कराते हैं तो इसे गलत जानकारी नहीं कहा जा सकता है। ऐसी शिकायतों पर अगर कार्रवाई के लिए विचार किया जाता है तो हम इसे अदालत की अवमानना मानेंगे।


देश में कोरोना का कहर जारी है। इसी संकट को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कोविड को लेकर नेशनल प्लान मांगा साथ ही चिंता भी जतायी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सोशल मीडिया पर जो लोग अपनी परेशानियां जता रहे हैं उनके साथ बुरा व्यवहार नहीं होना चाहिए।



सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना पर सूचना के प्रसार पर कोई रोक नहीं होनी चाहिए। कोविड-19 संबंधी सूचना पर रोक अदालत की अवमानना मानी जाएगी। इस सबंध में पुलिस महानिदेशकों को निर्देश जारी किए जाएं। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से कहा कि सूचनाओं का मुक्त प्रवाह होना चाहिए। हमें नागरिकों की आवाज सुननी चाहिए। इस संबंध में कोई पूर्वाग्रह नहीं होनी चाहिए कि नागरिकों द्वारा इंटरनेट पर की जा रही शिकायतें गलत हैं। 



सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार से पूछा कि टैंकरों और सिलेंडरों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए गए हैं? कोर्ट ने यह भी पूछा कि आखिर ऑक्सीजन की आपूर्ति कब तक होगी?  कोर्ट ने पूछा कि जिन लोगों के पास इंटरनेट तक पहुंच नहीं है या जो निरक्षर हैं, वे वैक्सीन के लिए कैसे रजिस्ट्रेशन करेंगे। क्या केंद्र और राज्य सरकारों के पास कोई योजना है? वैक्सीनेशन को लेकर कोर्ट ने कहा कि केंद्र को राष्ट्रीय टीकाकरण मॉडल अपनाना चाहिए क्योंकि गरीब टीके का मूल्य चुकाने में सक्षम नहीं होंगे। 



सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि छात्रावास, मंदिर, गिरिजाघर और अन्य स्थानों को भी कोरोना मरीजों की इलाज के लिए केंद्र बनाने के लिए खोले जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर अपनी शिकायत दर्ज कराते हैं तो इसे गलत जानकारी नहीं कहा जा सकता है। ऐसी शिकायतों पर अगर कार्रवाई के लिए विचार किया जाता है तो हम इसे अदालत की अवमानना मानेंगे।