सम्राट चौधरी के आरोपों पर बोले सीएम नीतीश, कहा- जिनके लिए बहुत कुछ किया वे सब भूल गए

सम्राट चौधरी के आरोपों पर बोले सीएम नीतीश, कहा- जिनके लिए बहुत कुछ किया वे सब भूल गए

PATNA : बिहार में नगर निकाय चुनाव पर हाई कोर्ट के रोक के बाद जेडीयू और बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं। एक तरफ जहां जेडीयू के नेता बीजेपी को आरक्षण विरोधी बता रही है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी आरोप लगा रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दिद्द के कारण बिहार में निकाय चुनाव नहीं हो सका। बीजेपी के आरोपों पर सीएम नीतीश ने पलटवार किया है। सीएम ने कहा है कि जब बिहार में आरक्षण का कानून बना उस वक्त बीजेपी भी सरकार में थी और सभी दलों से बातचीत के बाद ही सरकार ने फैसला लिया था। उन्होंने सम्राट चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी एक लड़का को लाकर रखी है जो इन दिनों अनाप-शनाप बयानबाजी करते रहता है। वह भूल गया है कि उसके पिता को हमने सम्मान देने का काम किया था। जिन लोगों के लिए हमने बहुत कुछ किया वे आज उसे भूल गए हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा है कि निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी के लोग जो आरोप लगा रहे हैं वह बिल्कुल गलत है। 2006 में ही सभी दलों के लोगों से विचार करने के बाद आरक्षण को लेकर कानून बनाया। साल 2000 में राबड़ी सरकार के समय ओबीसी को जो आरक्षण दिया गया था उसको हाई कोर्ट में चैलेंज किया गया था। जिस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दिया था। जब राज्य में हमारी सरकार आई तो हमने ओबीसी में अति पिछड़ा को आरक्षण देने का काम किया । बीजेपी उस वक्त हमारे साथ सरकार में थी, उनकी राय लेकर ही हमने आरक्षण का कानून बनाया था, आज बीजेपी के लोग वो सब भूल चुके हैं। पंचायत चुनावों के साथ ही निकाय चुनाव में भी उसे लागू किया गया। राज्य में चार बार पंचायत का और तीन बार नगर निकाय का चुनाव उसी एक्ट के आधार पर हुआ। 


उन्होंने विरोधी दल के नेता सम्राट चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी के लोग कैसी-कैसी बात बोलते रहते हैं। बीजेपी एक लड़का को लाकर रखी हैं, वह क्या था। पहले आरजेडी में था उसके बाद जेडीयू में आया और अब बीजेपी में गया है। वह क्या-क्या कर रहा है, उसके पिता को हमने सम्मान देने का काम किया था। समता पार्टी बनाने के बाद गांधी मैदान में उनको पार्टी में शामिल कराए थे। जिन लोगों के लिए हमने बहुत कुछ किया वे आज उसे भूल गए हैं। क्या-क्या बोलते रहता है हमको मसझ में नही आता है। बीजेपी में कुछ लोग इसीलिए बोलते रहते हैं कि उनकी पब्लिसिटी होगी। वहीं उन्होंने सुशील मोदी को घेरते हुए कहा कि जब सरकार ने आरक्षण का कानून बनाया था तो सुशील मोदी न सिर्फ डिप्टी सीएम थे बल्कि उस विभाग के भी मंत्री थे।