स्मार्ट मीटर का विरोध करना लोगों को पड़ा भारी: पावर कंपनी ने काट दी पूरे गांव की सप्लाई, DM की पहल पर 72 घंटे बाद मिली बिजली

स्मार्ट मीटर का विरोध करना लोगों को पड़ा भारी: पावर कंपनी ने काट दी पूरे गांव की सप्लाई, DM की पहल पर 72 घंटे बाद मिली बिजली

BUXAR: बिहार में शहरों के साथ साथ अब गांवों में भी स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है हालांकि बिजली कंपनी को कहीं कहीं लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। बक्सर में स्मार्ट मीटर लगाने पहुंचे बिजली कंपनी के लोगों को ग्रामीणों ने रोक दिया, जिसके बाद बिजली कंपनी ने पूरे गांव की लाइन काट दी। इसको लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।


दरअसल, पिछले 72 घंटे से सिमरी अंचल का मुकुंदपुर गांव अंधेरे में डूबा था। गुरूवार की शाम डीएम अंशुल अग्रवाल के निर्देश पर बिजली कंपनी ने आूपर्ति बहाल की। तब जाकर ग्रामीणों ने चैन की सांस ली। इसके पहले दिन में ग्रामीणों ने बैठक कर कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था तथा आंदोलन की चेतावनी दी थी। ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार से ही लो वोल्टेज के कारण उनके गांव में बिजली आपूर्ति बाधित थी। लो वोल्टेज के कारण दो दिनों तक बिजली रहने के बाद भी उसका लाभ नहीं मिला था।


बुधवार को बिजली कंपनी के जेई चंदन कुमार पूरे लाव लश्कर के साथ गांव में स्मॉर्ट मीटर लगाने पहुंच गए, जिसका ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया। ग्रामीणों के विरोध के कारण बिजली कंपनी की टीम को बैरंग लौटना पड़ा। गांव से जाने के दौरान कंपनी कर्मियों ने पूरे गांव की लाइन काटने की चेतावनी दी थी और गांव से बाहर आते ही जंफर से तार छोड़ा लाइन काट दिया, जिससे पूरा गांव अंधेरे में डूब गया। बिजली के अभाव में ग्रामीणों की दिनचर्या बिगड़ गई। यहां तक कि उन्हें मोबाइल चार्ज करने के लिए भी दूसरे गांव में जाना पड़ा।


इस गंभीर समस्या क प्रति गुरूवार को ग्रामीणों ने एकजुट हो बैठक किया तथा बिजली कंपनी के खिलाफ आंदोलन का ऐलान कर दिया। किसी तरह से इस बात की जानकारी डीएम तक पहुंच गई। जिसके बाद डीएम ने अविलंब बिजली बहाल करने का निर्देश बिजली कंपनी के एजक्यूटिव ऑफिसर को दिया। डीएम के निर्देश के बाद बिजली कंपनी ने आपूर्ति बहाल की। आपूर्ति बहाल होने के बाद ग्रामीणों ने चैन की सांस ली। 


इस संबंध में बिजली कंपनी नया भोजपुर प्रशाखा के जेई चंदन कुमार ने बताया कि मुकुंदपुर गांव के ग्रामीण बिलजी का बिल जमा नहीं करते है। जिस कारण कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। गांव में स्मॉर्ट मीटर लगाया जा रहा था ताकी लोग जितनी बिजली का उपभोग करेंगे उसका पैसा पहले ही जमा कर देंगे। जेई ने कहा राजस्व वसूली के लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्मॉर्ट मीटर लगाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अब हर जगह स्मॉर्ट मीटर लगाया जा रहा है। ग्रामीणों को इस चीज को समझना चाहिए।