BIHAR GOVERMENT: 'स्मार्ट मीटर में नहीं है कोई खराबी...', उर्जा मंत्री का साफ-साफ़ जवाब, कहा - छोटी-मोटी शिकायत तो हर चीज़ में आती है, फ्री बिजली पर भी बताया प्लान

BIHAR GOVERMENT:  'स्मार्ट मीटर में नहीं है कोई खराबी...',  उर्जा मंत्री का साफ-साफ़ जवाब, कहा - छोटी-मोटी शिकायत तो हर चीज़ में आती है, फ्री बिजली पर भी बताया प्लान

PATNA : बिहार में इन दिनों स्मार्ट मीटर का मामला काफी सुर्खियों में बना हुआ है। राज्य के अंदर मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता इसे मुद्दा बनाकर सड़क से सदन तक सरकार से सवाल कर रहे हैं। इस बीच अब राज्य सरकार और ऊर्जा विभाग के तरफ से इसको लेकर साफ साफ तरीके से जवाब दे दिया गया है।


ऊर्जा विभाग और मंत्री विजेंद्र यादव ने बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान विधान परिषद में कहा कि  स्मार्ट मीटर चंगा है और सरकार मुफ्त में बिजली नहीं देने वाली। मंगलवार को विधान परिषद की पहली पाली में राजद के कुमार नागेंद्र ने बीपीएल परिवारों को स्मार्ट मीटर से मुक्त रखने और प्रतिमाह 200 यूनिट बिजली निःशुल्क देने से संबंधित प्रश्न किया। इस दौरान उनका तर्क था कि उपयुक्त वोल्टेज नहीं होने पर स्मार्ट मीटर की रीडिंग सही नहीं होती। इसका उन्होंने तकनीकी आधार बताया। 


इसके बाद ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने ऐसे किसी भी विज्ञान को मानने से इन्कार कर दिया। उन्होंने साफ कहां कि स्मार्ट मीटर बिजली के उपयोग के आधार पर चलता है। सरकार महंगी दर से बिजली खरीदकर सस्ती दर से उपभोक्ताओं को दे रही। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की स्थिति से समझा जा सकता है कि निःशुल्क बिजली देने का खामियाजा क्या होता है।


ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 52 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। शिकायत बड़ी होनी चाहिए, जो कि नहीं है। हाल-फिलहाल केंद्रीय ऊर्जा मंत्री द्वारा आयोजित सेमिनार में पूरे देश में स्मार्ट मीटर लगाए जाने पर सहमति बनी है। मालूम हो कि, बिहार सरकार 7.42 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद रही है और 5.42 रुपये प्रति यूनिट की दर से  उपभोक्ताओं को उपलब्ध करा रही है।


इधर,बीपीएल परिवारों को बिजली 1.97 प्रति यूनिट की दर से दी जा रही है। इसके साथ ही 2024-25 में 15343 करोड़ रुपये बिजली पर अनुदान दिया जाना है। इसके साथ ही बीपीएल परिवारों को पहले से ही 50 यूनिट तक बिजली निःशुल्क दी जा रही। राज्य में बीपीएल श्रेणी के कुल लगभग 59 लाख उपभोक्ता हैं। उनमें से 10 लाख उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर है। 


उन्हें सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए निर्धारित टैरिफ (बिजली दर) में से अधिकांश हिस्से (73.4%) पर अनुदान दिया जा रहा है। यह दर 1.97 प्रति यूनिट है। प्रीपेड मीटर का बैलेंस सात दिन के औसत खपत से कम होने पर एसएमएस से उपभोक्ता को सूचना दी जाती है। बैलेंस शून्य होने पर पुनः सूचना दी जाती है। उसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में पांचवें दिन और शहरी क्षेत्र में तीसरे दिन पूर्वाह्न 10:00 बजे से अपराह्न 02:00 बजे अपराह्न के बीच बिजली आपूर्ति बंद की जाती है। ग्रामीण क्षेत्र के स्मार्ट प्रीपेड मीटर में ही पुश बटन की सुविधा दी गई है  जिसे उपयोग कर उपभोक्ता निगेटिव बिजली आपूर्ति चालू रख सकते हैं।