PATNA: बिहार में ट्रैफिक व्यवस्था को सही करने के लिए व्यापक स्तर पर पहल शुरू कर दी गई है. राजधानी पटना के साथ साथ भागलपुर, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ में अप्रैल से हाईटेक कैमरे लगाने की तैयारी है. जिसके बाद कैमरों के मदद से सड़कों पर तेज गति से चलाने वाले वाहन या फिर नियम को तोड़ने वाले वाहनों कि पहचान कर उनका ऑटोमेटिक चालान काटना आसान हो जायेगा.
DG (ट्रैफिक) सुधांशु कुमार ने शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि इन स्मार्ट सिटी में सेंसर के साथ ट्रैफिक लाइटें भी लगेंगी. उन्होंने कहा कि राज्य में सर्वाधिक दुर्घटना वाले पांच एनएच को चिन्हित किया गया है. इनमें भी कैमरे, चलंत चेकिंग वाहन, स्पीड गन समेत अन्य चीजों की व्यवस्था की जा रही है. वही मुजफ्फरपुर-मोतिहारी एनएच-28 पर ऑटोमेटिक ट्रैफिक मनाजमेंट सिस्टम लागू कर दी गई है. बता दें इस NH पर रोजाना औसतन 50 गाड़ियों का चालान काटा जा रहा है. उन्होंने बताया कि आने वालों दिनों में सभी शहरों में ई-चालान काटने के लिए 479 हाथ वाले उपकरण वितरित किए जा रहे हैं.
साथ ही उन्होंने बताया कि पटना सहित अन्य बड़े शहरों में जाम की समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए जल्द ही गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पुलिस, परिवहन, नगर विकास और आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ इससे जुड़े विभागों के साथ बैठक की जाएगी. इसमें जाम को लेकर रणनीति बनाई जाएगी, क्योंकि पुलिस के अलावा परिवहन समेत अन्य विभागों की भी भूमिका इसमें जरूरी है. उन्होंने कहा कि राजधानी में जाम की वजह अवैध पार्किंग और कई स्थानों पर अतिक्रमण हैं. शहर में सबसे ज्यादा जाम लगने वाले सभी प्रमुख स्थानों की सूची बना ली गई है और इनमें सुधार के लिए तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी गई है.वही अवैध वाहनों और ओवरलोडिंग पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग की है.