MUZAFFARPUR : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां एक स्कूल में पेड़ गिरने से घायल बच्चे के इलाज के दौरान चिकत्सक ने ड्रेसिंग करते हुए बच्चे के पैर में ही नीडल (सुई) छोड़ दिया था। वहीं इसके बाद बच्चे के पैर में दर्द बढ़ने लगा और धीरे-धीरे उसका पैर सड़ने की स्थिति में पहुंच गया। जिसके बाद आननफानन में परिजनों ने बच्चे को इलाज के निजी अस्पताल में भर्ती कराया है।
मिली जानकारी के अनुसार, नवंबर महीने में मुजफ्फरपुर जिले के एक सरकारी स्कूल में पीपल के पेड़ गिर जाने से कई छात्र घायल हो गए थे। आनन-फानन में घायल बच्चों को इलाज के लिए एसकेएमसीएच में भर्ती करवाया गया था। इस दौरान एक घायल हुए बच्चे मो शाहनवाज़ की ड्रेसिंग के दौरान टांका लगाने वाली सुई बच्चे के पैर में ही छोड़ कर उसी के ऊपर से प्लास्टर कर दिया गया था, जिससे बच्चे की स्थिति काफी बिगड़ गई। जब बच्चे का दर्द बढ़ता गया तो परिजनों ने पटना के पीएमसीएच में भी दिखाया।
वहीं, जब वहां भी किसी प्रकार का कोई सहयोग नहीं मिला तो परिजनों ने बच्चे को मुजफ्फरपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां बच्चे के पैर में एक्स रे के दौरान सुई का पता चला। इसके बाद वहां के डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया और किसी तरह बच्चे का पैर कटने से बच गया और सही समय पर उसका इलाज संभव हो पाया।
उधर, इस पूरे ममाले को लेकर सिविल सर्जन डॉ ज्ञान शंकर ने बताया है कि एक मामला संज्ञान में आया है। एक बच्चे के ऑपरेशन के दौरान बच्चे के पैर का प्लास्टर करते हुए स्टीच के समय नीडल पैर में ही छोड़ी गई थी। हालांकि अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर शिकायत मिलती है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। यह मामला एसकेएचसीएच मेडिकल कालेज से जुड़ा हुआ है। इसलिए पूरे मामले में विस्तृत जानकारी ली जाएगी।