SITAMARHI : सीतामढ़ी में बड़े पैमाने पर रैपीड एंटीजन टेस्ट के आंकड़ों में फर्जीवाड़ा हुआ है. जिले के तीन प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्र में 30 हजार लोगों के मोबाइल नम्बर फर्जी मिले हैं, जिनके मोबाइल नंबर की जगह 0000000000 और 1111111111 लिखा है. इस कोरोना जांच किट घोटाला के सामने आने से जिले में हड़कंप मच गया है.
सीतामढ़ी के पूर्व सांसद अर्जुन राय ने रैपिड एंटीजन की जांच में फर्जीवाड़े को लेकर एक पीसी की. उन्होंने कहा कि सीतामढ़ी के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना जांच के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाला किया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना जांच के फर्जी आंकड़े भी उपलब्ध कराए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन राकेश चंद्र सहाय वर्मा अपने घोटाले पर अपनी पीठ थपथपाते रहे. बगैर जांच के ही कोरोना जांच के नाम पर बड़े-बड़े आंकड़े जिले में उपलब्धि के तौर पर दिखाए गए. सीतामढ़ी के 3 प्रखंड रुनीसैदपुर, डुमरा, रीगा स्वास्थ्य केंद्रों से जो दस्तावेज हाथ लगे हैं, उसमें 30,000 लोगों के नाम के फर्जी मोबाइल नम्बर मिले. मोबाइल नंबर की लिस्ट में नंबर की जगह 0000000000 व 1111111111 अंकित हैं.
जिले में कुल 3 लाख 63 हजार कोरोना जांच हुए और सिर्फ तीन प्रखंडों के आंकड़ों के अनुसार तकरीबन 30 हजार गलत आंकड़े दिए गए हैं, जिसके मुताबिक 2 करोड़ 80 लाख के किट की हेराफेरी हुई है. जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के आंकड़ों को अगर देखा जाए तो 1 लाख से भी अधिक फर्जी कोरोना जांच के आंकड़े आने का अनुमान है.
उदाहरण के तौर पर अगर देखा जाए तो डुमरा निवासी आनंद विहारी सिंह जिनका नाम कोरोना जांच कराने वालों की सूची में रुन्नीसैदपुर प्रखण्ड के मोरसंड़ गांव में अंकित है, उनके मुताबिक़ वह अपने जीवन में कभी मोरसंड गए ही नहीं और उन्होंने अपना कोरोना जांच दो बार करवाया. पहली बार उन्होंने रीगा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और दूसरी बार डुमरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में करवाया लेकिन उनका नाम रुन्नीसैदपुर के मोरसंड में भी उनके मोबाइल नंबर के साथ अंकित है. यानी उन्होंने सिर्फ दो बार कोरोना जांच करवाया लेकिन सरकारी आंकड़ों में तीन बार उनका नाम कोरोना जांच कराने वालों की सूची में अंकित है. ऐसे हजारों लोगों के नाम फर्जी तरीके से कोरोना जांच कराने वालों की सूची में दो बार तीन बार अंकित है.
हालांकि रुन्नीसैदपुर प्रखंड में रैपिड एंटीजन किट घोटाला मामले पर सफाई देते हुए जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी अमृत किशोर से पूछा गया तो उन्होंने इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने नंबर उपलब्ध नहीं कराए, उन लोगों के नंबर की जगह 0000000000 और 1111111111 डाल दिए गए हैं. वहीं आनंद विहारी सिंह का नाम लिस्ट में होने की बात की जब जानकारी ली गई तो उन्होंने मामले से पल्ला झाड़ लिया.