SIS की ब्रांड एंबेडर अनीता कुंडू माउंट लहोत्से पर लहराएंगी तिरंगा, बढ़ाएंगी देश का मान

SIS की ब्रांड एंबेडर अनीता कुंडू माउंट लहोत्से पर लहराएंगी तिरंगा, बढ़ाएंगी देश का मान

DELHI :  तिरंगे को सातो महाद्वीपों के सबसे उंचे शिखरों पर लहरा चुकी भारत की बेटी व देश की जानी-मानी सिक्योरिटी कंपनी SIS की ब्रांड एंबेसडर अनीता कुंडू इस महीने एक और शिखर फतह करने निकल रही हैं. अनीता कुंडू ने सोमवार को संवादाताओं से  बातचीत करते हुए कहा कि वो आने वाले दो-तीन दिनों में माउंट लहोत्से की चढ़ाई के लिए काठमांडू रवाना होंगी. इस शिखर की उंचाई 8516 मीटर है. यहां वो भारत के तिरंगे से साथ-साथ सिक्योरिटी कंपनी SIS का भी झंडा लहराएंगी.

उन्होंने कहा कि जब भी वो अपने किसी यात्रा पर निकलती हैं तो वो अपने पिता राज्यसभा के पूर्व सांसद और SIS सिक्योरिटी कंपनी के संस्थापक अध्यक्ष आरके सिन्हा का आशीर्वाद लेकर ही निकलती हैं. कुंडू ने कहा कि वो सिन्हा को अपना पिता मानती हैं. अगर उनका आशीर्वाद न होता तो वो इतनी लंबी यात्राएं नहीं कर पाती. उन्होंने कहा कि इन यात्राओं में बहुत पैसे खर्च होते हैं वो एक सामान्य परिवार से आती हैं उनके लिए ये खर्च उठा पाना संभव नहीं था. लेकिन उनके सपनों को उड़ाना आर.के.सिन्हा ने दिया है. उन्होंने कहा कि सिन्हा कि सिक्योरिटी की कंपनी SIS ही उनके सारे खर्च उठाती है.

इस दौरान पूर्व राज्यसभा आरके सिन्हा ने बातचीत करते हुए कहा कि अनीता उनकी बेटी है. वो एक पर्वातारोही के तौर पर भारत का मान बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि वो अपने बेटी के साहसिक कार्यों से बहुत प्रभावित हैं. उसे वो किसी चीज की कमी नहीं होने देंगे. 

बीजेपी नेता ने कहा कि कुंडू भारत की पहली बेटी है जिन्होंने एवरेस्ट पर तीन बार सफलता पूर्वक चढ़ाई कर तिरंगा फहराया है. उन्होंने कहा कि अभी अनीता आठ हजार मीटर से ऊपर की चोटियों को फतेह कर रही है. 2019 में माउंट मानस्लु को भी फतेह किया था. जिसकी ऊंचाई 8163 मीटर थी.

अपने अगली चढ़ाई के बारे में अनीता ने आगे कहा कि उनका ये मिशन लगभग 50 दिन के आस-पास रहेगा. ये यात्रा पूरी तरह मुश्किलों से भरी रहती है लेकिन वो हर मुश्किलों को पछाड़ माउंट लहोत्से पर तिरंगा फहराएंगी. अनीता ने कहा कि उन्हें हाल ही में भारत सरकार ने ऐडवेंचर का सबसे बड़ा अवॉर्ड ‘तेनजिंग नोर्गे नेशनल अवॉर्ड’ से सम्मानित भी किया है. अनीता ने कहा कि माउंट लहोत्से दुनियां के चौथी नम्बर का सबसे ऊंचा शिखर है.