शिक्षक नियुक्ति में फर्जीवाड़े की आशंका: शक के बाद केके पाठक ने दिया बड़ा आदेश, जानिये क्या है पूरा मामला?

शिक्षक नियुक्ति में फर्जीवाड़े की आशंका: शक के बाद केके पाठक ने दिया बड़ा आदेश, जानिये क्या है पूरा मामला?

PATNA: बिहार में बीपीएससी द्वारा पहले चरण की शिक्षक नियुक्ति में बहाल हुए करीब एक लाख शिक्षकों में कई फर्जी तरीके से टीचर बन बैठे हैं. शिक्षा विभाग को इसकी शिकायतें मिली है, इसके बाद विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बडा आदेश दिया है. अब हरेक शिक्षक की ऐसी जांच करायी जा रही है कि कोई फर्जी शिक्षक काम पर नहीं रह पाये.


दरअसल, शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे एक लाख से भी ज्यादा शिक्षकों के अंगूठे के निशान यानि थम इंप्रेशन का मिलान शुरू कर दिया है. ये वैसे शिक्षक हैं जो बिहार लोक सेवा आयोग यानि बीपीएससी की ओर से की गयी पहले चरण की शिक्षक नियुक्ति में बहाल हुए हैं. पहले चरण में नियुक्त हुए सभी शिक्षकों के थम इंप्रेशन के मिलान का शुरू कर दिया गया है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर शिक्षकों को जिला मुख्यालय में ले जाकर अंगूठे के निशान का मिलान कराया जा रहा है.


शिक्षा विभाग ये सुनिश्चित करने में लगा है कि वही शिक्षक नियुक्त हुए हैं, जिन्होंने बीपीएससी की परीक्षा दी थी. इसके लिए बीपीएससी से अभ्यर्थियों के अंगूठे के निशान मांगे गये हैं जो परीक्षा केंद्र पर लिये गये थे. बीपीएससी से जो डेटा हासिल हुआ है उससे शिक्षकों के अंगूठे का मिलान कराया जा रहा है. पहले चरण में बीपीएससी से करीब एक लाख दो हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. उन सभी के अंगूठे का निशान मिल चुका है.


फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद कार्रवाई

दरअसल, शिक्षा विभाग को शिकायत मिली थी कि कई लोगों ने फर्जी नियुक्ति-पत्र बनवा लिया है और फर्जी नाम से स्कूलों में योगदान दे दिया है. इसके बाद अंगूठे के निशान का मिलान कराया जा रहा है. शिक्षा विभाग ने अंगूठे के निशान के मिलान के दौरान संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापकों को मौजूद रहने को कहा है. प्रधानाध्यापक ये बतायेंगे कि यही शिक्षक उनके स्कूल में पिछले एक महीने से पढ़ा रहे हैं. हर जिले में ये काम शुरू कर दिया गया है और शिक्षा विभाग के स्तर पर इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. 


शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पहले विभाग ने करीब चार हजार शिक्षकों को दोबारा कागजातों की जांच कराई थी. इसमें तीन फर्जी शिक्षकों को पकड़ा गया था. वहीं तीन शिक्षक भाग खड़े हुए. इन मामलों में प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी थी. इसके बाद विभाग को ये लगा कि और भी फर्जी शिक्षक काम कर रहे होंगे. उसके बाद ये सुनिश्चित करने की प्रक्रिया शुरू की गयी कि बीपीएससी की परीक्षा में जो अभ्यर्थी परीक्षा देकर सफल हुए थे, वही नियुक्ति पत्र लेकर स्कूलों में पढ़ा रहे हैं. 


फर्जीवाड़े को रोकने के लिए शिक्षा विभाग पहले और दूसरे चरण के शिक्षकों के आधार कार्ड का भी सत्यापन करा रहा है. बता दें कि पहले चरण में एक लाख 20 हजार 336 शिक्षक चुने गये थ, उनमें से लगभग एक लाख दो हजार ने योगदान किया है.