PATNA: राजधानी पटना का शान कहे जाने वाले सबसे बड़े शॉपिंग मॉल सिटी सेंटर पिछले दिनों सुर्खियों में आ गया था। इसके सुर्ख़ियों में आने की वजह यहां मिलने वाला कोई प्रोडक्ट नहीं बल्कि मॉल के अंदर लगाई गई मूर्ति थी। मॉल में सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी की मूर्ति लगा दी गई थी। ऐसा किये जाने से सिख धर्म से जुड़े लोग और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति भड़क गये और इसका विरोध करने लगे। पटना से लेकर पंजाब व अन्य प्रदेशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोगों ने मॉल प्रबंधन के ऐसा करने पर आपत्ति जताने लगे।
सिख समुदाय के लोगों का यह कहना था कि उनके धर्म में मूर्ति पूजा वर्जित है। यह जानते हुए भी उनकी भावनाओं को भड़काने के लिए सिटी मॉल प्रबंधन ने ऐसा किया है। चारों तरफ से विरोध का सामना झेलने के बाद मॉल प्रबंधन ने आनन-फानन में मूर्ति को सिटी सेंटर से हटाया और इस गलती के लिए सिख समुदाय से माफी भी मांगी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने तो यहां तक कह दिया कि सिटी सेंटर मॉल के प्रबंधक ने सिख धर्म को कमजोर करने की साजिश की है। जानबूझकर सिख समूदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया है। बता दें कि सिख धर्म के लोग मूर्ति पूजा नहीं करते हैं। इनके धर्म ग्रंथों में मूर्ति पूजा वर्जित है। ऐसे में सवाल उठना शुरू हो गया था कि आखिर किसकी अनुमति पर सिखों के दसवें गुरु की मूर्ति पटना के सबसे बड़े मॉल सिटी सेंटर में लगाई गई।
इस धर्म को मानने वाले कई लोगों ने जब इसका विरोध किया तो तब मॉल के प्रबंधक को माफी मांगनी पड़ गयी और आनन-फानन में गुरु गोविंद सिंह की प्रतिमा को हटा दिया गया। यह मॉल अंबुजा मॉल या सिटी सेंटर के नाम से जाना जाता है। कथित तौर पर यह मॉल अडानी ग्रुप का बताया जाता है।
इस मामले को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, - महान गुरु साहिबान और श्री गुरु ग्रंथ साहिब सर्वोच्च शक्ति अकाल पुरख की निराकार प्रकृति पर जोर देते हैं। इसीलिए सिक्ख मर्यादा मूर्ति पूजा का निषेध करती है। ऐसे में पटना में अडानी के स्वामित्व वाली कंपनी अंबुजा मॉल में दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की मूर्ति स्थापित करना सिख मर्यादाओं का घोर उल्लंघन है।
उन्होंने कहा था कि -इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सिख कौम से माफी मांगनी चाहिए। सरकार को दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। मैं सभी सिखों से आग्रह करता हूं कि हमारी धार्मिक दृष्टि और पहचान को कमजोर करने के लिए खालसा पंथ के खिलाफ साजिशों से लड़ने के लिए एकजुट हों।